कक्षा 11th अध्याय 4 PART 3

    Shricoaching Classes Begamganj
             Chemistry by H.K SIR
प्रश्न - ध्रुवीय तथा अध्रुवीय सहसंयोजक बंध किसे कहते हैं ?
उत्तर - ध्रुवीय सहसंयोजक बंध - असमान परमाणुओं के मध्य बनने वाले सहसंयोजक बंध को ध्रुवीय सहसंयोजक बंध कहते हैं।
उदाहरण - HCl,HF etc.

अध्रुवीय सहसंयोजक बंध - समान परमाणुुु के मध्य बनने वाले सहसंयोजक बंध को  अध्रुवीय सहसंयोजक बंध कहते हैं ।
उदाहरण - H2,O2,N2 etc.

प्रश्न - अतिव्यापन किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर -अतिव्यापन (Overlapping) - जब परमाणु यह कक्षक एक दूसरे के पास आते हैं तो उनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है और इसके फलस्वरूप अणु का निर्माण होता है इसे अतिव्यापन कहते हैं ।

अतिव्यापन के प्रकार - अतिव्यापन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं - 
1.S-S अतिव्यापन - जब एक परमाणु का s-कक्षक दूसरे परमाणु के s-कक्षक के पास आता है तो इनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है तब इस प्रकार के अतिव्यापन को s-s  अतिव्यापन कहते हैं ।
जैसे - हाइड्रोजन अणु में S-S अतिव्यापन पाया जाता है ।

2.S-P अतिव्यपान - जब एक परमाणु का S-कक्षक दूसरे परमाणु के P-कक्षक के पास आता है तो इनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है ,तब इस प्रकार के अतिव्यापन को S-P अतिव्यापन कहते हैं तथा बनने वाले बंध को सिग्मा बंध कहते हैं ।
उदाहरण - HCl,HF,H2O,NH3 आदि में S-P अतिव्यापन पाया जाता है।

3.P-P अतिव्यापन - जब एक परमाणु का P- कक्षक दूसरे परमाणु के P-कक्षक से मिलता है तो इनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है तब इस प्रकार के अतिव्यापन को P-Pअतिव्यापन कहते हैं ।
P-P अतिव्यापन निम्न दो प्रकार का होता है - 1.समाक्ष अतिव्यापन 
2.पार्श्वीय अतिव्यापन 

1.समाक्ष अतिव्यापन  - जब एक परमाणु का P-कक्षक दूसरे परमाणु के P-कक्षक के साथ समाक्ष अतिव्यापन करता है तब सिग्मा बंध  का निर्माण होता है और इस प्रकार के अतिव्यापन को P-P समाक्ष अतिव्यापन कहते हैं ।

2.पार्श्वीय अतिव्यापन - जब एक परमाणु का P-कक्षक दूसरे परमाणु के P-कक्षक के साथ पार्श्वीय अतिव्यापन करता है तब पाई बंध का निर्माण होता है और इस प्रकार के अतिव्यापन को P-P पार्श्वीय अतिव्यापन कहते हैं ।

प्रश्न - सिग्मा बंध एवं पाई बंध किसे कहते हैं समझाइए ।
उत्तर - सिग्मा बंध - कक्षको के  समाक्ष अतिव्यापन द्वारा बने बंंध को सिग्मा बंध कहते हैं । सिग्मा बंध का निर्माण S-S, S-P, P-P समाक्ष अतिव्यापन में होता है।  दो परमाणुओं के मध्य हमेशा पहला अतिव्यापन सिग्मा बंध का निर्माण करता है सिग्मा बंध प्रबल होता है और इसके बनने में ऊर्जा भी अधिक उत्पन्न होती है ।

पाई बंध - कक्षको के पार्श्वीय अतिव्यापन से बने बंध को पाई बंध कहते हैं और इसे पाई(Π) संकेत से प्रदर्शित करते हैं । यह बंध दुर्बल होता है और इसके बनने में कम ऊर्जा उत्पन्न होती है।

प्रश्न - सिग्मा बंध एवं पाई बंध में अंतर लिखिए।
उत्तर - 
प्रश्न - सिग्मा बंध पाई बंध की अपेक्षा प्रबल होता है, क्यों ? कारण स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - सिग्मा बंध, पाई बंध की अपेक्षा प्रबल होता है क्योंकि सिग्मा बंध में कक्षको की समाक्ष अतिव्यापन की सीमा अधिकतम होती है और इलेक्ट्रॉन घनत्व अक्ष पर अधिक होता है इसलिए सिग्मा बंध ,पाई बंध की अपेक्षा प्रबल होता है ।

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