Class 11th Chapter 4 PART 8 ll VSEPR सिद्धांत एवं उसकी कमियां ll VSEPR सिद्धांत के अनुसार अमोनिया एवं जल के अणु की संरचना
प्रश्न - एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lone pair of electron) किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर - एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lp) - किसी परमाणु के वे इलेक्ट्रॉन जो बंध बनाने में भाग नहीं लेते हैं एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair of electron) कहलाते हैं ।
उदाहरण - अमोनिया(NH3) में नाइट्रोजन(N) पर 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lp) तथा जल(H2O) में ऑक्सीजन परमाणु(O) पर 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होते हैं ।
प्रश्न - VSEPR सिद्धांत क्या है उदाहरण सहित लिखिए।
अथवा
संयोजी कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण(VSEPR) सिद्धांत क्या है ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर - VSEPR सिद्धांत - इस सिद्धांत का प्रतिपादन सर्वप्रथम सिजविक एवं पावेल ने 1940 में किया था । इसके बाद 1957 में नाइहोम एवं गिलेस्पी ने इसको विकसित करके इसमें कुछ संशोधन किया । यह सिद्धांत परमाणु की संयोजकता कोष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्मों के मध्य प्रतिकर्षण पर आधारित है ।
इस सिद्धांत के अनुसार -
किसी अणु के केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म युक्त कक्षक ,त्रिविम में इस प्रकार व्यवस्थित रहते हैं कि उनके मध्य प्रतिकर्षण न्यूनतम हो तथा स्थायित्व अधिकतम हो ।
इस सिद्धांत के अनुसार -
lp - lp कक्षकों में परस्पर प्रतिकर्षण अधिकतम ,lp - bp में प्रतिकर्षण कम तथा bp - bp में प्रतिकर्षण सबसे कम होता है।
अर्थात -
lp - lp > lp - bp > bp - bp
उदाहरण - NH3 एवं H2O में sp3 संकरण पाया जाता है जिससे इनके बंध कोण का मान 109°28' का होना चाहिए था, किंतु NH3 के अणु पर एक lp की उपस्थिति एवं H2O में ऑक्सीजन परमाणु पर 2lp की उपस्थिति के कारण इनके बंध कोण का मान क्रमशः 107° एवं 104° का होता है ऐसा भी VSEPR सिद्धांत के अनुसार होता है।
प्रश्न - VSEPR सिद्धांत के तीन मुख्य बिंदु लिखिए।
उत्तर - 1.इस सिद्धांत के अनुसार - किसी अणु के केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों युग्म युक्त कक्षक, त्रिविम में इस प्रकार व्यवस्थित रहते हैं कि उनके मध्य प्रतिकर्षण न्यूनतम हो और स्थायित्व अधिकतम हो।
2. यदि केंद्रीय परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्मों (lp) की उपस्थिति होती है तो अणु की ज्यामिति विकृत हो जाती है।
3. इस सिद्धांत के अनुसार - lp-lp कक्षकों में परस्पर प्रतिकर्षण अधिकतम, lp-bp कक्षकों में कम तथा bp -bp कक्षकों में प्रतिकर्षण सबसे कम होता है
प्रश्न - VSEPR सिद्धांत की सीमाएं लिखिए ।
उत्तर - VSEPR सिद्धांत की प्रमुख कमियां या सीमाएं निम्नलिखित हैं -
1.आणविक ज्यामिति पर 'इलेक्ट्रॉन युग्म ' में प्रतिकर्षण के प्रभाव में इस मॉडल का सैद्धांतिक आधार स्पष्ट नहीं है
2. इस सिद्धांत से अत्यधिक ध्रुवीय अणुओं की ज्यामिति की व्याख्या नहीं की जा सकती है ।
3.इस सिद्धांत से उन अणुओं की व्याख्या नहीं की जा सकती है जिनमें विस्थानीकृत पाई इलेक्ट्रॉन तंत्र पाया जाता है
4.अक्रिय इलेक्ट्रॉन युग्म में रखने वाले अणुओं की व्याख्या इससे संभव नहीं है ।
5.यह सिद्धांत अनेक संक्रमण धातु संकुलों के ज्यामितीय का पूर्वानुमान नहीं लगा सकता है।
प्रश्न - VSEPR सिद्धांत के आधार पर अमोनिया एवं जल अणु की संरचना समझाइए।
उत्तर - VSEPR सिद्धांत के अनुसार - नाइट्रोजन के तीन अयुग्मित इलेक्ट्रॉन वाले कक्षक 3 हाइड्रोजन परमाणुओं के 1s कक्षक के साथ अतिव्यापन करके तीन सिग्मा बंध बनाते हैं तथा एक lp शेष रह जाता है । जिससे इसका संकरण sp3 होता है जिससे इसकी आकृति चतुष्फलकीय एवं बंध कोण 109°28' का होना चाहिए था, किंतु एक lp की उपस्थिति के कारण इसके बंध कोण का मान 107° तथा इसकी संरचना *पिरामिडीय* हो जाती है क्योंकि lp एवं bp के मध्य प्रतिकर्षण होता है।
इसी प्रकार जल में ऑक्सीजन के दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन वाले कक्षक दो हाइड्रोजन परमाणु के 1s कक्षक के साथ अतिव्यापन करके दो सिग्मा बंध बनाते हैं तथा sp3 संकरण के कारण जल के अणु की संरचना चतुष्फलकीय एवं बंध कोण 109°28' का होना चाहिए था, किंतु ऑक्सीजन के पास दो एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lp) उपस्थित रहते हैं, जिससे आबंधी इलेक्ट्रॉन(bp) पर अधिक प्रतिकर्षण लगता है जिससे इसकी संरचना विकृत होकर V- आकृति की हो जाती है और बंध कोण 104° का हो जाता है।
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