CLASS 11th Chapter 4 PART 10 ll आबंधी एवं अनाबंधी आणविक कक्षक ll MOT सिद्धांत

CLASS 11th Chemistry Chapter 4 PART 10 by H.K SIR

प्रश्न - आणविक कक्षक किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं ।
उत्तर - आणविक कक्षक - दो परमाण्विक कक्षक के संयोग से बने नए कक्षकों को आणविक कक्षक कहते हैं ।
आणविक कक्षक निम्न दो प्रकार के होते हैं -
1.आबंधी आणविक कक्षक(Bonding Molecular Orbital)
2.अनाबंधी आणविक कक्षक(Anti Bonding Molecular Orbital)

1.आबंधी आणविक कक्षक - दो परमाण्वीय कक्षकों के संयोगीे अतिव्याा से बने नए कक्षकों को आबंधी आणविक कक्षक(BMO)  कहते हैं और इन्हें सिग्मा, पाई और डेल्टा संकेत से प्रदर्शित करते हैं । यह ऑर्बिटल अणु को स्थाई बनाते हैं । इसकी ऊर्जा का मान परमाणु ऑर्बिटल की ऊर्जाओंं के योग से कम होता है

2.अनाबंधी आणविक कक्षक - दो परमाण्वीय कक्षकों के विनाशी अतिव्यापन से बने नए कक्षकों को अनाबंधी आणविक कक्षक(ABMO)  कहते हैं और इन्हें सिग्मा, पाई और डेल्टा संकेत से प्रदर्शित करते हैं ।यह ऑर्बिटल अणु को आस्थाई बनाते हैं । इसकी ऊर्जा का मान परमाणु ऑर्बिटल की ऊर्जाओंं के योग से अधिक होता है

प्रश्न -  आणविक कक्षक सिद्धांत (MOT) किसे कहते हैं इसके प्रमुख अभिगृहीत लिखिए ।
उत्तर - आणविक कक्षक सिद्धांत (Molecular Orbital Theory) - हुंड एवं मुलकिन ने सहसंयोजी बंध के निर्माण एवं उनकी प्रकृति को समझाने के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसे आणविक कक्षक सिद्धांत कहते हैं ।
इस सिद्धांत के प्रमुख अभिगृहीत निम्न है - 

1.जब दो परमाणु पास आते हैं तो उनके कक्षक परस्पर सहयोग करके आणविक कक्षक बनाते हैं ।

2. परमाण्वीय कक्षकों के सहयोग से आबंधी एवं अनाबंधी ही आणविक कक्षकों का निर्माण होता है ।

3. परमाण्वीय कक्षक संयोग करते हैं उतने ही नए आणविक कक्षक बनते हैं ।

4. इलेक्ट्रॉनों का वितरण सभी सामान्य नियमों के अनुसार होता है ।

5. द्विपरमाणुक अणु के बंधन क्रम की गणना सूत्र की सहायता से की जा सकती है - 
             B.O. =  Nb-Na/2

6.बंधन क्रम का मान जितना अधिक होता है बंद लंबाई उतनी ही कम होती है एवं बंद ऊर्जा उतनी ही अधिक होती है ।

प्रश्न - बंधन क्रम किसे कहते हैं ? बंधन क्रम से हमें क्या जानकारी प्राप्त होती है, लिखिए ।
उत्तर - बंधन क्रम -  आबंधी इलेक्ट्रॉनों की संख्या एवं अनाबंधी इलेक्ट्रॉनों की संख्या के अंतर के आधे भाग को आबंध कोटि या बंधन क्रम या बंध कोटि कहते हैं, और इसकी गणना निम्न सूत्र की सहायता से करते हैं - 
बंधन क्रम = Nb-Na/2

बंधन क्रम से प्राप्त होने वाली जानकारी - 
बंधन क्रम के मान से अणु के संबंध में निम्न जानकारी प्राप्त होती है -
1. यदि बंधन क्रम का मान पूर्णांक एवं धनात्मक होता है तो अणु स्थाई होता है ।

2. यदि बंधन क्रम का मान ऋणात्मक ,धनात्मक अथवा भिन्नात्मक होता है तो अणु अस्थाई होता है ।

3.अणु की बंधन ऊर्जा उसके बंधन क्रम के समानुपाती होती है ।

4. अणु की बंध लंबाई उसके बंधन क्रम के व्युत्क्रमानुपाती होती है ।

5.किसी अणु के बंधन क्रम का मान अणु में उपस्थित दो परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंधों की संख्या को प्रदर्शित करता है ।


प्रश्न - आबंधी आणविक कक्षक एवं अनाबंधी आणविक कक्षक में अंतर लिखिए ।
उत्तर - आबंधी आणविक कक्षक एवं अनाबंधी आणविक कक्षक में अंतर -

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