CLASS 11th Chapter 4 PART 13 ll हाइड्रोजन बंध एवं उसके प्रकार ll तार्किक प्रश्न
CLASS 11TH CHAPTER 4 PART 13
CHEMISTRY BY H.K SIR
उत्तर - हाइड्रोजन बंध - जब हाइड्रोजन परमाणु किसी प्रबल ऋणविद्युती परमाणु जैसे- फ्लोरीन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ा रहता है तो हाइड्रोजन पर अतिरिक्त बंध बनाने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है इसे हाइड्रोजन बंध कहते हैं । और इसे बिंदुकित रेखा (.....) से प्रदर्शित करते हैं ।
हाइड्रोजन बंध के प्रकार -
हाइड्रोजन बंधन निम्न दो प्रकार के होते हैं -
1.अंतर - अणुक हाइड्रोजन बंधन (Intermolecular hydrogen bond)
2. अंतः अणुक हाइड्रोजन बंधन (Intramolecular hydrogen bond)
1.अंतर - अणुक हाइड्रोजन - जब हाइड्रोजन और विद्युत ऋणात्मक परमाणु दो भिन्न- भिन्न अणुओं में उपस्थित हो, तब इस प्रकार बने हाइड्रोजन बंध को अंतर- अणुक हाइड्रोजन बंध कहते हैं ।
जैसे - जल, हाइड्रोजन फ्लोराइड(HF) ,एथिल अल्कोहल(C2H5OH) आदि में अंतर- अणुक हाइड्रोजन बंध पाया जाता है।
H-F.....H-F....H-F....H-F
2.अंतः अणुक हाइड्रोजन बंधन - जब हाइड्रोजन और विद्युत ऋणात्मक परमाणु दोनों एक ही अणु में उपस्थित हो, तब इस प्रकार बने हाइड्रोजन बंध को अंतः अणुक हाइड्रोजन बंध कहते हैं।
जैसे ऑर्थो- नाइट्रोफीनॉल एसीटो-एसीटिक एस्टर आदि में अंतर हाइड्रोजन बंध पाया जाता है ।
हाइड्रोजन बंध का योगिकों पर प्रभाव -
हाइड्रोजन बंध यौगिकों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों को प्रभावित करता है जिनमें से कुछ निम्न है -
1. क्वथनांक - हाइड्रोजन बंध युक्त यौगिकों के क्वथनांक अणुओं के संगुणन के कारण अपेक्षाकृत अधिक होते हैं ।
2. विलेयता - हाइड्रोजन बंध युक्त योगिक, हाइड्रोजन बंध युक्त योगिकों में विलेय होते हैं। यही कारण है कि एल्कोहल जल में अत्यंत विलेय है, जबकि ईथर जल में विलेय है।
3. अणुओं की आकृति- हाइड्रोजन बंध के कारण अणुओं की आकृतियों में भी प्रभाव पड़ता है ।यही कारण है कि V-आकार के जल के अणु बर्फ के रूप में चतुष्फलकीय आकृति के हो जाते हैं।
4. अम्लीयता - किसी अम्ल की अम्ल प्रबलता हाइड्रोजन बंध की उपस्थिति से कम हो जाती है यदि प्रोटोन के रूप में निकलने वाला हाइड्रोजन परमाणु हाइड्रोजन बंध बनाने में संलग्न हो।
5. श्यानता - हाइड्रोजन बंध बनने के कारण अनेक यौगिकों की श्यानता उच्च होती है ।
जैसे ग्लिसरोल की श्यानता, जल तथा एल्कोहल से अधिक होती है । क्योंकि ग्लिसरोल में तीन हाइड्रॉक्सील समूह होते हैं जो कि अपने प्रत्येक अणु के साथ अनेक हाइड्रोजन बंध बनाकर जल व एल्कोहल से अधिक संगुणित हो जाता है।
प्रश्न - जल(H2O) का क्वथनांक जबकि हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) का क्वथनांक निम्न होता है ,क्यों ? समझाइए।
उत्तर - जल के अणु परस्पर हाइड्रोजन बंध के द्वारा जुड़कर एक दूसरे के निकट आ जाते हैं तथा संगुणित होकर बड़ा अणु बना लेते हैं इस संगुणित अणु को वाष्प में बदलने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है इसलिए जल( H2O )का क्वथनांक अधिक होता है।
जबकि हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) के अणु में हाइड्रोजन बंध नहीं पाया जाता है। जिससे इसके अणु स्वतंत्र होते हैं अतः थोड़ी सी उर्जा पाकर यह वाष्प में बदल जाते हैं इसलिए H2S का क्वथनांक कम होता है।
प्रश्न - अमोनिया (NH3) का क्वथनांक , फास्फीन (PH3) से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर - अमोनिया के अणु परस्पर हाइड्रोजन बंध के द्वारा जुड़कर संगुणित होकर एक बड़ा अणु बना लेते हैं इस संगुणित अणु को वाष्प में बदलने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है । इसलिए अमोनिया का क्वथनांक अधिक होता है।
जबकि फास्फीन में अणु स्वतंत्र होते हैं क्योंकि इसमें हाइड्रोजन बंध नहीं पाया जाता है । अतः यह थोड़ी सी उर्जा पाकर वाष्प में बदल जाता है । इसलिए फास्फीन का क्वथनांक कम होता है।
प्रश्न - जल सामान्य ताप पर द्रव है, जबकि हाइड्रोजन सल्फाइड गैस है, क्यों ?
उत्तर - हाइड्रोजन बंध के कारण जल सामान्य ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है, जबकि हाइड्रोजन बंध की अनुपस्थिति के कारण हाइड्रोजन सल्फाइड गैस अवस्था में पाया जाता है।
जल के अनेक अणु परस्पर संगुणित होकर एक - दूसरे के निकट आ जाते हैं इसलिए जल वाष्प अवस्था में पाया जाता है ।
जबकि हाइड्रोजन सल्फाइड के अणु स्वतंत्र होते हैं और उनके बीच हाइड्रोजन बंध नहीं पाया जाता है । जिससे इनके अणुओं के बीच आकर्षण नगण्य (न के बराबर) होता है इसलिए सामान्य ताप पर हाइड्रोजन सल्फाइड गैस अवस्था में पाई जाती है ।
प्रश्न - बर्फ के क्रिस्टल जल पर तैयार हैं ,क्यों ? समझाइए ।
अथवा
बर्फ जल से हल्की होती है क्यों ?
उत्तर - बर्फ के क्रिस्टल बनते समय अणुओ में परस्पर हाइड्रोजन बंध इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं कि प्रत्येक ऑक्सीजन चतुष्फलकीय, चार हाइड्रोजन परमाणुओं से घिर जाता है। इसमें से दो सहसंयोजक बंध तथा दो हाइड्रोजन बंध होते हैं । इस प्रकार जल का प्रत्येक अणु जल के चार अणुओं द्वारा घिर जाता है । फलस्वरूप एक खुले पिंजरे जैसी संरचना बन जाती है । चूंकि इनके चारों ओर बहुत खुला स्थान रह जाता है ,अतः बर्फ का घनत्व जल की तुलना में कम हो जाता है इसलिए बर्फ जल पर तैरती है ।
जल के अणु की चतुष्फलकीय सरंचना -
CHEMISTRY by H.K Sir
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