Class 11th ll Chapter 5 ll PART 7 ll गैसों का अणु गति सिद्धांत

      श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज
Class 11th ll Chapter 5 ll PART 7

प्रश्न - गैसों के अणु गति सिद्धांत के प्रमुख अभिगृहीत लिखिए ।

              अथवा

गैसों के अणुगति सिद्धांत की प्रमुख अवधारणाएं लिखिए ।

उत्तर - गैसों का अणुगति सिद्धांत - गैसों के गुणों का सैद्धांतिक तरीके से स्पष्टीकरण करने के लिए एक अणु गति सिद्धांत प्रतिपादित किया गया ।जिसे गैसों का अणुगति सिद्धांत कहते हैं इस सिद्धांत का प्रतिपादन अनेक वैज्ञानिकों ने किया जिनमें से हुक, बरनौली बोल्ट्जमैन, वांडरवाल्स , मैक्सवेल आदि प्रमुख हैं।

गैसों के अणु गति सिद्धांत की प्रमुख अवधारणाएं - 

1. प्रत्येक गैस सूक्ष्म कणों से मिलकर बनी होती है, जिन्हें अणु कहते हैं ।

2. एक ही गैस के सभी अणु समान होते हैं ,लेकिन विभिन्न गैसों के अणु भिन्न-भिन्न होते हैं ।

3. गैसों का अधिकांश भाग खाली होता है ।

4. गैस के अणुओं के स्वयं का आयतन, गैस के कलायतन की तुलना में नगण्य होता है ।

5. गैस के अणु सदैव गतिमान रहते हैं ।

6. गैसीय अणु द्वारा पात्र की दीवारों पर टक्करों के कारण दाब उत्पन्न होता है।

7. गैस के अणुओं के मध्य कोई आकर्षण बल नहीं होता है ।

प्रश्न - गैसों के लिए अणु गति समीकरण लिखिए ।
उत्तर - अणु गति समीकरण - अणु गति सिद्धांत की अवधारणाओं के आधार पर एक समीकरण प्रस्तुत किया गया, जिसे अणु गति समीकरण कहते हैं । 
यह समीकरण किसी गैस के दाब ,आयतन ,अणु भार , अणुओं की संख्या एवं अणुओं के मध्यमान वेग के परस्पर संबंध को प्रकट करता है ।
 यह समीकरण  निम्न है -

           PV = 1/3mnv2

                    या

            PV = 1/3mnc2

यहां 
P = गैस का दाब
V = गैस का आयतन
m = गैस का आणविक द्रव्यमान
n = गैस के अणुओं की संख्या
v = गैस के अणुओं का मध्यमान वेग


प्रश्न - वास्तविक गैसों का आदर्श गैस व्यवहार से विचलन के क्या कारण है ।

उत्तर - वास्तविक गैसों का आदर्श गैस व्यवहार से विचलन के कारण - वांडरवाल्स ने वास्तविक गैसों का आदर्श गैस व्यवहार से विचलन होने का कारण अणु गति सिद्धांत में दी गई अवधारणाओं को दोषपूर्ण होना बताया है । वास्तविक गैसों का आदर्श गैस व्यवहार से विचलन के निम्न दो कारण हैं -

1. आयतन - किसी गैस के संपूर्ण आयतन की तुलना में, गैस के अणुओं का आयतन सामान्य ताप एवं दाब पर नगण्य होता है, परंतु उच्च दाब पर गैस का आयतन घटता है । अतः ऐसी स्थिति में गैस के अणुओं का आयतन नगण्य नहीं माना जा सकता है ।

2. आकर्षण - गैस के अणुओं के मध्य कोई आकर्षण नहीं होता है । निम्न ताप एवं उच्च दाब पर गैस का आयतन कम हो जाता है । जिससे गैस के अणुओं के बीच की दूरी कम हो जाती है और इस स्थिति में अंतः अणुक आकर्षण की उपेक्षा नहीं की जा सकती है ।

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