Class 12th Chapter 6 PART 1 ll खनिज ll अयस्क ll गैंग ll सांद्रण ll धातुमल ll भर्जन ll निस्तापन ll प्रगलन ll धातुकर्म ll गालक

Class 12th ll Chapter - 6 - धातु के निष्कर्षण एवं उनके प्रमुख यौगिकों का अध्ययन ll PART - 01


प्रश्न -निम्न को समझाइए -
1.खनिज         2.अयस्क           3. गैंग  4.सांद्रण          5.धातुमल          6.भर्जन
7. निस्तापन     8. प्रगलन          9. धातुकर्म 
10. गालक

1.खनिज (Mineral) - स्थलमंडल में पाए जाने वाले प्राकृतिक पदार्थ जिनमें धातु पाई जाती है , खनिज या मिनरल कहलाते हैं ।

2.अयस्क (Ores) - वे खनिज जिनसे धातु आसानी से और कम खर्चे से प्राप्त कर सकते हैं,अयस्क (Ores) कहलाते हैं ।

3.गैंग(Gangue) - अयस्कों में प्रायः मिट्टी ,कंकड़ ,पत्थर आदि की अगलनीय अशुद्धि मिली रहती हैं। इन अनावश्यक पदार्थों को गैंग या आधात्री कहते हैं ।

4.सांद्रण(Concentrate) - गैंग को अयस्कों से प्रथक करना अयस्कों का सांद्रण कहलाता है ।

अयस्कों का सांद्रण निम्न विधियों द्वारा किया जाता है - 

a.गुरुत्व पृथक्करण विधि b.विद्युत चुंबकीय पृथक्करण विधि
c.झाग उत्प्लावन विधि
d. द्रवण (Liquefaction)
e.रासायनिक पृथक्करण विधि (निक्षालन )

5.धातुमाल (Slag)- गैंग और गालक के साथ बना हुआ वह गलनीय पदार्थ जो धातु के ऊपर एक पृथक सतह बनाता है ,धातुमल कहलाता है ।


6.गालक - धातु कर्म की प्रक्रिया में प्रयुक्त होने वाला वह पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अगलनीय अशुद्धियों से संयोग करके एक गलनीय धातुमल बनाता है । जो हल्का होने के कारण उस पर तैरता है और जिसे दूर किया कर दिया जाता है, गालक कहलाता है। 


गालक निम्न दो प्रकार के होते हैं - 

a. अम्लीय गालक - अम्लीय ऑक्साइड जैसे सिलीका जो क्षारीय आधात्री जैसे - आयरन ऑक्साइड(FeO), कैल्शियम ऑक्साइड(CaO) आदि से क्रिया करके धातुमल बनाता है।

b. क्षारीय गालक - क्षारीय ऑक्साइड जैसे - कैल्शियम ऑक्साइड(CaO) जो अम्लीय आधात्री जैसे - सिलिका(SiO2) आदि से संयोग करके धातुमल बनाता है। 


7. भर्जन(Roasting) - वायु की उपस्थिति में अयस्क को गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना भर्जन कहलाता है ।


8. निस्तापन (Calcination) - अयस्क को वायु की अनुपस्थिति में गर्म करके ऑक्साइड में परिवर्तित करना निस्तापन कहलाता है ।


9. प्रगलन(Smelting) - धातु ऑक्साइड को उच्च ताप पर अपचयित करके धातु को प्राप्त करने की प्रक्रिया जिसमें उचित ताप के कारण धातु पिघली हुई अवस्था में प्राप्त होती है प्रगलन कहलाता है ।


10.धातुकर्म(Metallergy) - अयस्क से धातु प्राप्त करने की विभिन्न प्रक्रियाएं ( गैंग, सांद्रण, भर्जन, निस्तापन, प्रगलन आदि)धातु कर्म कहलाती हैं ।

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