कक्षा 12 ll अध्याय 7 ll भाग - 20 ll जीनॉन के योगिकों के नाम , सूत्र , सरंचना एवं संकरण

प्रश्न - जीनॉन उत्कृष्ट गैस है , फिर भी यह यौगिक बनाती है , क्यों ? इसके दो यौगिकों के संरचना सूत्र दर्शाइए।
उत्तर - सन 1962 में नील बार्टलट ने देखा कि ऑक्सीजन , PtF6 से क्रिया करके O2[PtF6] बनाता है । उन्होंने सोचा कि ऑक्सीजन और जीनॉन की प्रथम आयनन उर्जा लगभग बराबर होते हैं । इसी आधार पर उन्होंने जीनॉन के अन्य योगिक प्रस्तुत किए - जैसे - XeF2 , XeF4 , XeF6, XeOF2 , XeO3 आदि ।

प्रश्न - XeF2 , XeF4 एवं XeF6 अणु बनाने की विधि लिखिए ।
उत्तर - XeF2 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:3 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को गर्म करने व शीघ्रता से ठंडा करने पर जीनॉन डाइ फ्लोराइड बनता है।

              Xe + F2 -------> XeF2


XeF4 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:10 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को मंद लाल तप्त गर्म करके जीनॉन टेट्रा फ्लोराइड बनता है।

            Xe + 2F2 -------> XeF4

XeF6 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:20 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप एवं 60 atm दाब पर गर्म करके बनाया जाता है।

           Xe + 3F2 -------> XeF6



प्रश्न - जीनॉन के दो यौगिकों के नाम , सूत्र एवं संरचना बताइए ।
उत्तर - 


    


प्रश्न - जीनॉन के निम्न  यौगिकों की संरचनाओ को समझाइए।
1. XeF2         2. XeF4          3. XeF6 

उत्तर - 1. XeF2 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d संकरण बनाता है । पांच संकरित कक्षकों में से दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन जीनॉन डाइ फ्लोराइड का अणु बनाते हैं और तीन एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचते हैं , यह एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म समबाहु त्रिभुज के शीर्ष पर स्थित होते हैं जिससे अणु की आकृति त्रिकोणीय द्विपिरामिडिय बनती है , इससे अणु XeF2 अणु रेखीय होता है तथा कोण 180°  होता है




2. XeF4 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d2 संकरण बनाता है । इन छः संकरित कक्षकों में से चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन XeF4 अणु बनाते हैं और दो एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचते हैं , जिनमें से एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म धरातल के ऊपर तथा एक धरातल के नीचे स्थित होते हैं , जिससे अणु की आकृति वर्ग समतलीय बनती है , तथा  सभी कोण 90°  होते है।



3. XeF6 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d3 संकरण बनाता है । इन सात संकरित कक्षकों में से छः अयुग्मित इलेक्ट्रॉन XeF6 अणु बनाते हैं और एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचता हैं , एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म  के कारण अणु की आकृति विकृत अष्टफलकीय हो जाती है ।

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