प्रश्न - जीनॉन उत्कृष्ट गैस है , फिर भी यह यौगिक बनाती है , क्यों ? इसके दो यौगिकों के संरचना सूत्र दर्शाइए।उत्तर - सन 1962 में नील बार्टलट ने देखा कि ऑक्सीजन , PtF6 से क्रिया करके O2[PtF6] बनाता है । उन्होंने सोचा कि ऑक्सीजन और जीनॉन की प्रथम आयनन उर्जा लगभग बराबर होते हैं । इसी आधार पर उन्होंने जीनॉन के अन्य योगिक प्रस्तुत किए - जैसे - XeF2 , XeF4 , XeF6, XeOF2 , XeO3 आदि ।
प्रश्न - XeF2 , XeF4 एवं XeF6 अणु बनाने की विधि लिखिए ।
उत्तर - XeF2 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:3 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को गर्म करने व शीघ्रता से ठंडा करने पर जीनॉन डाइ फ्लोराइड बनता है।
Xe + F2 -------> XeF2
XeF4 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:10 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को मंद लाल तप्त गर्म करके जीनॉन टेट्रा फ्लोराइड बनता है।
Xe + 2F2 -------> XeF4
XeF6 बनाने की विधि - निकिल की एक छोटी नली में जीनॉन व फ्लोरीन को 1:20 अनुपात में मिलाकर मिश्रण को उच्च ताप एवं 60 atm दाब पर गर्म करके बनाया जाता है।
Xe + 3F2 -------> XeF6
प्रश्न - जीनॉन के दो यौगिकों के नाम , सूत्र एवं संरचना बताइए ।
उत्तर -
प्रश्न - जीनॉन के निम्न यौगिकों की संरचनाओ को समझाइए।
1. XeF2 2. XeF4 3. XeF6
उत्तर - 1. XeF2 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d संकरण बनाता है । पांच संकरित कक्षकों में से दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन जीनॉन डाइ फ्लोराइड का अणु बनाते हैं और तीन एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचते हैं , यह एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म समबाहु त्रिभुज के शीर्ष पर स्थित होते हैं जिससे अणु की आकृति त्रिकोणीय द्विपिरामिडिय बनती है , इससे अणु XeF2 अणु रेखीय होता है तथा कोण 180° होता है।
2. XeF4 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d2 संकरण बनाता है । इन छः संकरित कक्षकों में से चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन XeF4 अणु बनाते हैं और दो एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचते हैं , जिनमें से एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म धरातल के ऊपर तथा एक धरातल के नीचे स्थित होते हैं , जिससे अणु की आकृति वर्ग समतलीय बनती है , तथा सभी कोण 90° होते है।
3. XeF6 की सरंचना - जीनॉन की उत्तेजित अवस्था में 5p ऑर्बिटल का एक इलेक्ट्रॉन 5d ऑर्बिटल में जाकर sp3d3 संकरण बनाता है । इन सात संकरित कक्षकों में से छः अयुग्मित इलेक्ट्रॉन XeF6 अणु बनाते हैं और एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बचता हैं , एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म के कारण अणु की आकृति विकृत अष्टफलकीय हो जाती है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें