Class 11th Chapter 6 PART 9 ll स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम तथा अस्वतः प्रवर्तित ll बम कैलोरीमीटर
प्रश्न - बम कैलोरीमीटर द्वारा आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन (∆U) के निर्धारण के विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
अथवा
बम कैलोरीमीटर द्वारा आंतरिक ऊर्जा का निर्धारण कैसे किया जाता है ? इसका सूत्र लिखिए।
उत्तर - उपकरण का वर्णन - इसमें स्टील का बना एक पात्र होता है जो उच्च ताप सहन कर सकता है । स्टील पात्र के भीतरी भाग में प्लेटिनम या गोल्ड का लेप रहता है । जिससे स्टील का ऑक्सीकरण नहीं हो पाता है । पात्र के भीतर प्लेटिनम का एक कप होता है जिसमें पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा ली जाती है । इस कप में 2 विद्युत तार लगे होते हैं तथा एक वायु पंप जुड़ा होता है । पात्र को रुद्धोष्म बनाने के लिए इसे तापरोधी वाटर बाथ में डूबा देते हैं । जिसमें एक तापमापी तथा विलोड़क लगा रहता है।
प्रयोग विधि - सर्वप्रथम पदार्थ की थोड़ी सी मात्रा कप में लेकर विद्युत स्पार्क कराया जाता है । जिससे पदार्थ जल उठता है अर्थात उसका दहन हो जाता है । दहन से उत्सर्जित ताप द्वारा वाटर बाथ का ताप बढ़ जाता है । जिसे थर्मामीटर में पढ़ लेते हैं । ताप में वृद्धि तथा जल तुल्यांक के आधार पर अभिक्रिया में उत्पन ऊष्मा की गणना कर लेते हैं ,जो अभिक्रिया की आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन(∆U) के बराबर होता है।
प्रयुक्त सूत्र -
∆U = -m/x [W + w] t cal/mol
यहां
∆U = आंतरिक उर्जा परिवर्तन
m = जलाए गए पदार्थ का द्रव्यमान
x = जलाए के पदार्थ की मात्रा
W = वाटर बाथ में लिए गए जल की मात्रा
w = कैलोरी मीटर का जल तुल्यांक
t = ताप में वृद्धि
प्रश्न - स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम तथा अस्वतः प्रवर्तित प्रक्रम को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर - स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम - ऐसी अभिक्रियाएं जो बिना किसी बाह्य बल या बाह्य दाब के स्वतः किसी एक दिशा में संपन्न होती हैं , उन्हें स्वतः प्रवर्तित या तात्कालिक प्रक्रम कहते हैं । प्रकृति में होने वाली समस्त घटनाएं स्वतः ही होती हैं । यह प्रक्रम अनुत्क्रमणीय होते हैं।
उदाहरण - नदियों का पहाड़ों से समुद्र की ओर बहना।
खुले पात्र में रखे जल का वाष्पन ।
शक्कर व नमक का जल में घुलना ।
अस्वतः प्रवर्तित प्रक्रम - ऐसी अभिक्रियाएं यह प्रक्रम दिन आराम करने के लिए बाहुबल यह दाग की आवश्यकता होती है, अस्वतः प्रवर्तित प्रक्रम कहलाते हैं।
उदाहरण -
1. जल का नीचे से ऊपर की ओर बहना
2. जल का विद्युत विच्छेदन
3. ऊष्मा के उच्च ताप से निम्न ताप की ओर प्रवाह
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