Class 11th Chapter 8 रेडॉक्स अभिक्रिया ll PART - 1 ll ऑक्सीकरण ll अपचयन ll ऑक्सीकारक ll अपचायक ll रेडॉक्स अभिक्रिया ll

Class 11th Chapter 8 रेडॉक्स अभिक्रिया ll PART - 1 ll ऑक्सीकरण ll अपचयन ll ऑक्सीकारक ll अपचायक ll रेडॉक्स अभिक्रिया ll 

प्रश्न - ऑक्सीकरण एवं अपचयन को किस आधार पर परिभाषित किया गया है ?
उत्तर - ऑक्सीकरण एवं अपचयन को अलग-अलग आधार पर परिभाषित किया गया है -

1. हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के योग और निष्काषन के आधार पर

2. इलेक्ट्रॉनिक स्थानांतरण के आधार पर।

3. ऑक्सीकरण संख्या के आधार पर 



प्रश्न -  हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के योग और निष्काषन के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अपचयन को परिभाषित कीजिए ?
उत्तर - 1. ऑक्सीकरण (Oxidation) - वह अभिक्रिया जिसमे ऑक्सीजन का योग या ऋण विद्युती तत्व का योग होता है , ऑक्सीकरण कहलाता है।

                               अथवा

वह अभिक्रिया जिसमे हाइड्रोजन का निष्कासन या धन विद्युती तत्व का निष्कासन होता है , ऑक्सीकरण कहलाता है।
                  
                   C + O2 ----> CO2

                2Na + Cl2 ---> 2NaCl


2. अपचयन (Reduction) - वह अभिक्रिया जिसमे हाइड्रोजन का योग अथवा धन विद्युती तत्व का योग होता है , अपचयन अभिक्रिया कहलाती है।
                           अथवा

वह अभिक्रिया जिसमे ऑक्सीजन का निष्कासन अथवा ऋण विद्युती तत्व का निष्कासन होता है , अपचयन अभिक्रिया कहलाती है।

              C + 2H2 ------> CH4


प्रश्न - इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रिया को परिभाषित कीजिए।
उत्तर - ऑक्सीकरण - वह प्रक्रिया जिसमें कोई तत्व या आयन एक या अधिक इलेक्ट्रॉनिक होता है अर्थात इलेक्ट्रॉन का निष्कासन होता है तब उसे ऑक्सीकरण कहते हैं इस अभिक्रिया को भी इलेक्ट्रॉनिक करण जी कहते हैं इस अभिक्रिया में ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि होती है।
जैसे - Na -----> Na+ + e-

अपचयन - वह प्रक्रिया जिसमें कोई तत्व या आयन एक या अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है अर्थात इलेक्ट्रॉन का योग होता है उसे अपचयन कहते हैं इसे इलेक्ट्रॉनिक ग्रंथि कहते हैं।
जैसे - 
                   Cl + e- ------> Cl-
                 
               Fe3+ + e- -----> Fe2+

प्रश्न - ऑक्सीकरण संख्या के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रिया को समझाइए।
उत्तर - ऑक्सीकरण - वह प्रक्रिया जिसमें किसी तत्वों की ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि होती है , उसे ऑक्सीकरण कहते हैं ।
जैसे -     S(0) ------> SO2(+4)

अपचयन - वह प्रक्रिया जिसमें किसी तत्व की ऑक्सीकरण संख्या में कमी होती है , उसे अपचयन कहते हैं।
जैसे -     N(0) -----> NH3(-3)




प्रश्न - रेडॉक्स अभिक्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए एवं इसके अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर - रेडॉक्स अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमे ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रियाएं दोनों साथ-साथ होती हैं , रेडॉक्स अभिक्रियाएं कहलाती हैं । इसे ऑक्सीकरण - अपचयन अभिक्रिया कहते हैं।
उदाहरण - जिंक तथा कॉपर आयनों के बीच होने वाली अभिक्रिया रेडॉक्स अभिक्रिया का उदाहरण है।

         Zn + Cu2+ ------> Zn2+ + Cu

रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अनुप्रयोग - 
1. धातु निष्कर्षण में - अपचायकों की सहायता से धातु ऑक्साइड का अपचयन धातु में किया जा सकता है।

2. ऊर्जा प्राप्त करने में - घरेलू तथा औद्योगिक ईंधन ऑक्सीकरण पर ऊर्जा की बड़ी मात्रा उत्सर्जित करते हैं , जो हमारे दैनिक जीवन तथा उद्योगों में उपयोगी है।


3. प्रकाश संश्लेषण में - हरे पौधों द्वारा भोजन का निर्माण भी एक रेडॉक्स अभिक्रिया है । इस अभिक्रिया में CO2 का कार्बोहाइड्रेट में अपचयन तथा जल का ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण होता है।


4. विद्युत रासायनिक सेलों में - विद्युत रासायनिक सेल एक ऐसी युक्ति है जिसमें अप्रत्यक्ष रेडॉक्स अभिक्रिया द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।


5. अंतरिक्ष यान में - अंतरिक्ष यानों के लिए आवश्यक विद्युत ऊर्जा ईधन सेल में H2O2 की परस्पर क्रिया से प्राप्त होती है । ईंधन सेल विद्युत रासायनिक सेल होते हैं।

प्रश्न - ऑक्सीकारक एवं अपचायक को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर - 1. ऑक्सीकारक (Oxident) - वह पदार्थ जो दूसरे पदार्थ को ऑक्सीजन या कोई अन्य ऋण विद्युती तत्व प्रदान करता है , ऑक्सीकारक कहलाता है।
जैसे -O 2 , Cl2 , H2O2 आदि ।



2. अपचायक (Reductant) - वह पदार्थ जो दूसरे पदार्थ को हाइड्रोजन या कोई अन्य धन विद्युती तत्व प्रदान करता है , अपचायक कहलाता है।
जैसे - H2 , H2S , HgCl2 आदि ।





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