Class 12th Chapter 7 ll PART-10 ll ब्रॉडी ओजोनाइजर ll सीमेन होलस्के ओजोनाइजर विधि ll सल्फ्यूरिक अम्ल के भौतिक गुण एवं उपयोग

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प्रश्न - ओजोन बनाने की निम्न विधियों को सचित्र समझाइए - 
1. ब्रॉडी ओजोनाइजर

2. सीमेन होलस्के ओजोनाइजर विधि

उत्तर - 1. ब्रॉडी ओजोनाइजर - इसमें चित्र अनुसार U - आकार की दोहरी दीवार वाली नली होती है जिसे कांच के पात्र में लटका दिया जाता है । परखनली तथा बाहरी पात्र में तनु H2SO4 भर देते हैं और U - नली में शुद्ध व शुष्क ऑक्सीजन प्रवाहित करते हैं तथा प्लेटिनम तारों को प्रेरण कुंडली से जोड़कर U - नली में नीरव विद्युत विसर्जन प्रवाहित करते हैं जिससे ऑक्सीजन की कुछ मात्रा ओजोन में परिवर्तित हो जाती है और ओजोनीकृत ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

चित्र




2. सीमेन - होलस्के ओजोनाइजर विधि - 
व्यापारिक मात्रा में ओजोन, सीमेन के ओजोनाइजर द्वारा प्राप्त की जाती है । यह लोहे का एक बॉक्स होता है । इसमें कांच के बड़े-बड़े बेलनाकार सिलेंडर 2-2 के युग्म में लगे होते हैं ।प्रत्येक सिलेंडर में एल्युमीनियम की एक छड़ लटकी रहती है जिसका एक सिरा कांच की कुचालक प्लेट पर रखा होता है।एल्युमीनियम की छड़ों को 8000 से 10000 वोल्ट की विद्युत विभव पर रखा जाता है , जिससे उपकरण में अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है ,इसलिए बॉक्स के बीच वाले भाग में ठंडा पानी प्रवाहित किया जाता है । एल्युमीनियम छड़ और सिलेंडर के बीच में शुष्क वायु प्रवाहित करते हैं जिससे वायु ऊपर जाते - जाते हो ओजोनयुक्त हो जाती है।जब वायु के स्थान पर ऑक्सीजन प्रयुक्त करते हैं तब 20% ओजोन प्राप्त होती है।


चित्र -




प्रश्न - सल्फ्यूरिक अम्ल के भौतिक गुण एवं उपयोग लिखिए ।
उत्तर - सल्फ्यूरिक अम्ल गंधक अम्ल एक अत्यंत महत्वपूर्ण औद्योगिक रसायन है इसे रसायनों का राजा कहा जाता है और इसका औद्योगिक निर्माण अधिकतर संपर्क विधि से किया जाता है जिसके लिए कच्चे माल के रूप में सल्फर अथवा आयरन पायराइटीज लिया जाता है।

सल्फ्यूरिक अम्ल के भौतिक गुण - 
1. यह एक रंगहीन तथा भारी द्रव है।

2. इसका क्वथनांक 338 डिग्री सेल्सियस होता है।

3. सल्फ्यूरिक अम्ल 10 डिग्री सेल्सियस पर क्रिस्टल के रूप में जम जाता है।

4.सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की जल के प्रति बंधुता अत्यंत प्रबल होती है ।जिससे इसमें जल मिलाने पर अत्यधिक उसमें उत्सर्जित होती है।



H2SO4 के उपयोग - 
1. H2 SO4 बहुत से औद्योगिक रसायन और उर्वरक प्रयोगशालाओं आदि में अत्यधिक प्रयुक्त होता है।


2.रसायन उद्योग में कई रसायन और अन्य उद्योगों के लिए आवश्यक आधारभूत पदार्थ बनाने में।

3. रंजक दवा विस्फोटक डिटर्जेंट प्लास्टिक आदि बनाने में।

4. उर्वरक बनाने में जैसे अमोनियम सल्फेट , कैल्शियम सुपर फास्फेट

5. पेट्रोलियम के शोधन, सल्फोनीकरण एवं निर्जलीकरण आदि में।

6. कई धातुओं के धातु कर्म में।


7. संचायक बैटरी बनाने में।

8. कृत्रिम रेशम फोटोग्राफी की फिल्म पेंट आदि के निर्माण में।

9. प्रयोगशाला में महत्वपूर्ण अभिकर्मक के रूप में।

10. कोलतार तथा चर्म उद्योग में ।

11. ट्राई नाइट्रो टालुईन(TNT) , नाइट्रोग्लिसरीन ,ट्राई नाइट्रो फिनोल आदि विस्फोटकों के निर्माण में।

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