Class 12th Chapter 7 PART 16 ll HCl बनाने की विधि गुण व उपयोग ll ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि गुण एवं उपयोग ll
Class 12th Chapter 7 PART 16 ll HCl बनाने की विधि गुण व उपयोग ll ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि गुण एवं उपयोग ll
अथवा
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के औद्योगिक उत्पादन की एक विधि का वर्णन कीजिए तथा इसके प्रमुख गुण दीजिए।
उत्तर - हाइड्रोजन क्लोराइड गैस , ज्वालामुखी पर्वतों से निकलने वाली गैस में उपस्थित रहती है । इसे नमक का तेजाब भी कहते हैं । इसको पहली बार ग्लावर ने 1648 में नमक पर सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया से प्राप्त किया ।
इस अम्ल की 0.2 से 0.4 % मात्रा उदर के रसों में रहती है अतः इसे उदहरिकाम्ल भी कहते हैं।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाने की विधि -
1. साधारण नमक से - सोडियम क्लोराइड और सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाकर गर्म करने पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनता है।
NaCl + H2SO4 ------> HCl + NaHSO4
NaHSO4 + NaCl ----> HCl + Na2SO4
उपर्युक्त दोनों अभिक्रिया में बनी HCl गैस को एक ऐसे स्तंभ में भेजते हैं जिसमें कोक भरा रहता है और ऊपर से धीरे-धीरे पानी टपकता रहता है । HCl गैस पानी में अवशोषित हो जाती है और HCl अम्ल स्तंभ में नीचे एकत्रित हो जाता है।
HCl के भौतिक गुण -
1. यह ना ज्वलनशील है और ना जलने में सहायक है।
2. यह रंगहीन गैस है और वायु से भारी है।
3. इसमें तीक्ष्ण तथा दम घुटने वाली गंध होती है ।
4. यह जल में अत्यधिक विलेय हैं।
5. इसका जलीय विलयन अम्लीय होता है।
HCl के उपयोग -
1. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में
2. रंग और पेंट के निर्माण में
3. अम्लराज बनाने में
4. जस्तीकरण के कारखानों में
5. क्लोरीन और क्लोराइडों, अमोनियम क्लोराइड एवं ग्लूकोस के निर्माण में
6. रंजकों के निर्माण में
7. भोजन के पाचन में।
प्रश्न - ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि , गुण एवं उपयोग लिखिए।
उत्तर - कैल्शियम ऑक्सिक्लोराइड को विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर कहते हैं । इसका सूत्र CaOCl2 होता है
ब्लीचिंग पाउडर बनाने की विधि - बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की अभिक्रिया से ब्लीचिंग पाउडर या विरंजक चूर्ण बनता है।
Ca(OH)2 + Cl2 ----> CaOCl2 + H2O
ब्लीचिंग पाउडर बनाने के लिए दो प्रकार के संयंत्र होते हैं -
1. हेसेनक्लेवर संयंत्र -
2. बैकमैन संयंत्र
ब्लीचिंग पाउडर के गुण -
1. यह सफेद रंग का चूर्ण है जिसमें क्लोरीन की प्रबल गंध होती है।
2. यह ठंडे जल में विलय है।
3. यह पानी में विलेय है किंतु चूने की अशुद्धि के कारण इसका स्वच्छ बिलयन नहीं बनता है।
4. रखा रहने पर इसका धीरे-धीरे अपघटन होता है।
5. गर्म करने पर यह है ऑक्सीजन देता है ।
2CaOCl2 -------> O2 + 2CaCl2
ब्लीचिंग पाउडर के उपयोग -
1. जल को कीटाणुओं तथा रोगाणुओं से मुक्त करने में
2. क्लोरोफॉर्म के निर्माण में
3. ऊन को सिकुड़ने से बचाने के लिए
4. कागज उद्योग में लकड़ी की लुगदी का रंग उड़ाने में।
5. कपड़ा उद्योग में और रुई को विरंजित करने में ।
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