कक्षा - 12th ll अध्याय - 7 ll भाग - 17 ll कारण स्पष्ट कीजिए।
Class 12th Chapter 7 PART - 17 ll
1.HF द्रव है , जबकि अन्य हैलोजन के हाइड्राइड सामान्य ताप पर गैस हैं
2.फ्लोरीन पॉली हैलाइड नहीं बनाता है ,
3.फ्लोरीन केवल - 1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है ,
प्रश्न - HF द्रव है , जबकि अन्य हैलोजन के हाइड्राइड सामान्य ताप पर गैस हैं ?
उत्तर - फ्लोरीन की ऋणविद्युतता अन्य हैलोजनों से सर्वाधिक होती है । अतः HF हाइड्रोजन बंध द्वारा संगुणित होते हैं । इसके साथ ही साथ HF का क्वथनांक अन्य हैलोजन अम्लों से अधिक होता है, इसलिए HF द्रव होता है , जबकि अन्य हेलोजनों के हाइड्राइड कमरे के ताप पर गैस होते हैं।
प्रश्न - फ्लोरीन पॉली हैलाइड नहीं बनाता है , क्यों ?
उत्तर - फ्लोरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2 , 2p5 है । इसके संयोजकता कोश में रिक्त d - कक्षक की अनुपस्थिति के कारण यह उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करता है और इसलिए यह पॉलीहलाइड नहीं बनाता है।
प्रश्न - फ्लोरीन , क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक है , कारण दीजिए।
उत्तर - फ्लोरीन , क्लोरीन की तुलना में निम्नलिखित कारणों से प्रबल ऑक्सीकारक है -
1. फ्लोरीन का परमाणु आकार , क्लोरीन परमाणु से छोटा होता है
2. फ्लोरीन की ऋण विद्युतता , क्लोरीन से अधिक होती है।
3. फ्लोरीन की वियोजन ऊर्जा , क्लोरीन से बहुत कम होती है।
4. फ्लोरीन का E° का मान क्लोरीन से अधिक होता है।
प्रश्न - फ्लोरीन केवल - 1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है , क्यों ?
अथवा
फ्लोरीन केवल -1 , +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है ,जबकि अन्य हैलोजन तत्व इसके अतिरिक्त +3 , +5 ,+7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाते हैं , क्यों ?
उत्तर - फ्लोरीन की विद्युत ऋणात्मकता सबसे अधिक होती है । अतः वह हमेशा -1 , +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है । साथ ही क्लोरीन के संयोजकता कोश में d - कक्षक नहीं पाए जाते , अतः उसकी कोई उत्तेजित अवस्था नहीं हो सकती है । इसके फलस्वरूप कोई उच्च ऑक्सीकरण अवस्था नहीं दर्शाता।
जबकि अन्य हैलोजन तत्व जैसे - क्लोरीन , ब्रोमीन आयोडीन क्रमशः +3 , +5 ,+7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाता है , क्योंकि शेष हेलोजन Cl , Br , I में रिक्त d - कक्षक भी उपस्थित होता है । फलस्वरूप उत्तेजित अवस्था में इलेक्ट्रॉन d - कक्षक में जाने से क्रमशः 3 , 5 ,7 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं । यही कारण है कि हैलोजन क्रमशः +3 , +5 ,+7 ऑक्सीकरण अवस्था भी दर्शाते हैं।
प्रश्न - फ्लोरीन , क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक क्यों है ?
उत्तर - फ्लोरीन , क्लोरीन से अधिक विद्युत ऋणात्मक होने के कारण इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता रखता है । इसलिए फ्लोरीन , क्लोरीन की तुलना में प्रबल ऑक्सीकारक है।
प्रश्न - अंतर हैलोजन यौगिक , हैलोजन की अपेक्षा अधिक क्रियाशील होते हैं , क्यों ?
उत्तर - दो भिन्न हैलोजन के बीच बना बंध, शुद्ध हैलोजन परमाणु (एक ही प्रकार के हैलोजन) के बीच बने बंध की तुलना में ज्यादा ध्रुवीय और दुर्बल होता है । इसलिए अंतर हैलोजन यौगिक अधिक क्रियाशील होते हैं।
प्रश्न - समूह 17 के सदस्यों के नाम लिखिए । इन्हें हैलोजन क्यों कहते हैं ।
उत्तर - समूह 17 में पांच तत्व - फ्लोरीन(F) , क्लोरीन(Cl) , ब्रोमीन(Br) आयोडीन(I) और एस्टाटीन(At) हैं , इन्हें हैलोजन कहते हैं । हैलोजन शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है जिसका अर्थ है - समुद्री लवण बनाने वाला होता है । समूह 17 के प्रथम चार सदस्य समुद्री लवण में मिलते हैं , इसलिए इन्हें हैलोजन कहा जाता है।
प्रश्न - प्राप्य क्लोरीन से आप क्या समझते हो ? समीकरण सहित लिखिए।
उत्तर - प्राप्य क्लोरीन - विरंजक चूर्ण से प्राप्त होने वाली क्लोरीन , प्राप्य क्लोरीन कहलाती है । विरंजक चूर्ण में अशुद्धि होने के कारण जितना चूर्ण लेते हैं उसके अनुसार क्लोरीन प्राप्त नहीं होती , बल्कि उसमें जितना विरंजक चूर्ण होता है उतनी ही क्लोरीन प्राप्त होती है।
CaOCl2 + H2O ------> Ca(OH)2 + Cl2
प्रश्न - ClO2 के उपयोग लिखिए ।
उत्तर - ClO2 के उपयोग -
1. पीने के पानी को परिष्कृत करने में।
2. सफेद ब्रेड बनाने के लिए आटे को विरंजित करने में।
प्रश्न - क्लोरीन द्वारा फूलों की विरंजन स्थाई होता है , जबकि SO2 द्वारा अस्थाई , क्यों ?
उत्तर - क्लोरीन की विरंजन क्रिया स्थाई होती है , क्योंकि यह नमी से क्रिया करके नवजात ऑक्सीजन देती है । जो फूलों या अन्य पदार्थों का रंग उड़ा देती है , क्योंकि यह एक ऑक्सीकरण क्रिया है । अतः स्थाई है ।
Cl2 + H2O -----> 2HCl + [O]
रंगीन पदार्थ + [O] ------> रंगहीन पदार्थ
जबकि SO2 की विरंजन क्रिया अस्थाई है , क्योंकि यह नमी से क्रिया करके नवजात हाइड्रोजन देती है । जो अपचयन की क्रिया द्वारा पदार्थों का रंग उड़ा देती है , और पदार्थ पुनः वायु की ऑक्सीजन से क्रिया करके नमी को लौटा देता है । अतः यह एक अस्थाई क्रिया है।
SO2 + H2O ----> H2SO4 + 2H
रंगीन पदार्थ + 2H -----> रंगहीन पदार्थ
रंगहीन पदार्थ + [O] -----> रंगीन पदार्थ
प्रश्न - प्रकृति में समूह 17 के तत्व रंगीन होते हैं , क्यों ?
उत्तर - पदार्थ का रंग बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉन द्वारा अवशोषित ऊर्जा एवं उत्सर्जित तरंगधेर्य निर्भर पर करता है । फ्लोरीन बैगनी रंग के प्रकाश को अवशोषित करता है और पीले प्रकाश को उत्सर्जित करता है इसलिए फ्लोरीन पीली गैस है । क्लोरीन पीले - हरे रंग के प्रकाश को उत्सर्जित करती है इसलिए यह हरापन लिए हुए पीली है । इसी प्रकार अन्य हैलोजन भी रंगीन दिखाई देते हैं।
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