कक्षा 12th अध्याय 9 PART - 10
प्रश्न - संयोजकता बंध सिद्धांत के आधार पर निम्न समन्वय मंडलों में बंधों की प्रकृति की व्याख्या कीजिए ।
1. [ Fe (CN)6 ]4- 2. [ FeF6 ]3-
3. [ Co(C2O4)3]3- 4. [ CoF6 ]3-
उत्तर - 1. [ Fe (CN)6 ] - d2sp3 - अष्टफलकीय , प्रतिचुंबकीय
2. [ FeF6 ] - sp3d2 - अष्टफलकीय - अनुचुंबकीय
3. [ Co (C2O4)3 ] - d2sp3 - अष्टफलकीय - अनुचुंबकीय
4. [ CoF6 ] - sp3d2 - अष्टफलकीय - अनुचुंबकीय
प्रश्न - [ Cr(NH3)6 ]3+ अनु चुंबकीय है , जबकि [ Ni(CN)4 ]2- प्रति चुंबकीय है , क्यों ? समझाइए ।
उत्तर - [ Cr(NH3)6 ] अनुचुम्बकीय है जबकि [ Ni(CN)4 ] प्रति चुंबकीय है ।
6 NH3 लीगेंड इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागकर dsp संकरण कक्षक का निर्माण करते हैं , क्योंकि 3d उप कक्षक में तीन अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है । अतः [ Cr(NH3)6 ] आयन अनु चुंबकीय है।
इसलिए यह इलेक्ट्रॉन धकेल कर 3d उपकक्षक को इलेक्ट्रॉन रिक्त करता है , जो संकरण में भाग लेते हैं । एक 4s , दो 4p व एक 4d कक्षक मिलकर dsp2 संकरण कक्षक का निर्माण करते हैं । उपसहसंयोजन योगिक में कोई इलेक्ट्रॉन आयुग्मित नहीं है , अतः यह प्रतिचुंबकीय है।
प्रश्न - [ Ni(H2O)6 ]2+ का विलयन हरा है , जबकि [ Ni(CN)4 ]2+ रंगहीन है , समझाइए ।
उत्तर - H2O दुर्बल लीगेंड है , [ Ni(H2O)6 ]2+ बाह्य कक्षक संकुल है । संकुल में दो अयुग्मित इलेक्ट्रोन होते हैं , यहां d-d संक्रमण संभव है । यह लाल प्रकाश को अवशोषित करता है एवं पूरक हरा प्रकाश उत्सर्जित होता है ।
CN- प्रबल लीगेंड हैं जिससे अयुग्मित इलेक्ट्रोन युग्मित हो जाते हैं । केंद्रीय परमाणु dsp2 संकरण दर्शाते हैं , वर्ग समतलीय संकुल बनते हैं । कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित नहीं होते हैं , जिससे d-d संक्रमण संभव नहीं होता है ,जिसके फलस्वरूप संकुल रंगहीन होता है।
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