अध्याय 2 पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन MCQ
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परागकण की बाह्य भित्ति बनती है -
[1]. सेल्युलोज द्वारा
[2]. स्पोरोपेालेनिन
[3]. पेक्टो सेल्युलोज
[4]. लिग्निन द्वारा
कच्चे नारियल का नारियल पानी क्या है?
[1]. अपरिपक्व भ्रूण
[2]. मुक्त केन्द्रकी भ्रूणकोष
[3]. बीज चोल की सबसे अंदर की सतह
[4]. अपभ्रष्ट बीजाण्ड काय
द्विनेषचन किसके द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
[1]. शैवाल
[2]. कवक
[3]. आवृत बीजी
[4]. नग्न बीजी
निम्न में से कौन सा फूल का भाग निषेचन के बाद फलभित्ति बनाता है -
[1]. बीजाण्ड काय
[2]. बाह्य अध्यावरण
[3]. अण्डाशय भित्ति
[4]. अंतः अध्यावरण
जलकुंभी तथा वाटर लिली में परागण निम्न में से किस कारक द्वारा होता है?
[1]. जल
[2]. कीट
[3]. पक्षी
[4]. चमगादड़
निम्नलिखित फलों में किसमे एरिल पाया जाता है?
[1]. आम
[2]. सेब
[3]. सीताफल
[4]. नाशपाती
केसर या जाफरान पुष्प के किस स्रोत से पाया जाता है?
[1]. वर्तिका
[2]. वर्तिकाग्र
[3]. दल
[4]. वृन्त
द्विगुणित है -
[1]. अण्ड
[2]. परागकण
[3]. युग्मनज
[4]. भ्रूण पोष
जायांग का वह भाग जो पराग कण ग्रहण करता है कहलाता है -
[1]. वर्तिकाग्र
[2]. वर्तिका
[3]. बीजाण्ड
[4]. अण्डाशय
एल्बुमिनस बीज का उदाहरण है -
[1]. मटर
[2]. मूंगफली
[3]. मक्का
[4]. चना
नारियल किस प्रकार का फल है?
[1]. अष्ठिल फल
[2]. सरस फल
[3]. दृढ़ फल
[4]. सम्पुट फल
उस घटना को क्या कहते है जिसमें अण्डाशय बिना निषेचन के फल मे विकसित हो जाता है।
[1]. अनिषेक फलन
[2]. असंग जनन
[3]. अलैंगिक जनन
[4]. लैंगिक जनन
किसी परागकोष की लघुबीजाणुधानी की सबसे बाह्य व सबसे भीतरी परते क्रमशः होती हैं -
[1]. एण्डोथीसियम एवं टेपेटम
[2]. एपिडर्मिस एवं एण्डोडर्मिस
[3]. एपीडर्मिस एवं मध्य परते
[4]. एपी डर्मिस एवं टेपेटम
आवृत्त बीजी में द्विनिषेचन की खोज की थी -
[1]. ल्यूवेन हाक
[2]. नावाश्चिन
[3]. स्ट्रासवर्मर
[4]. हॉफ मीस्टर
गुरू बीजाणु जनन से बने 4 गुरू बीजाणु में क्रियाशील गुरू बीजाणु की संख्या होती है-
[1]. 1
[2]. 2
[3]. 3
[4]. 4
भू्रण पोष में निषेचन के बाद नष्ट होने वाली कोशिकाएं हैं -
[1]. सहाय कोशिकाएं एवं प्राथमिक भ्र
[2]. सहाय कोशिकाएं एवं प्रति धु्रव
[3]. प्रतिधु्रव कोशिका एवं प्राथमिक
[4]. अण्ड कोशिका एवं प्रतिधु्रव कोश
बीजाणुद्भिद की मुख्य अवस्था किसमें होती है?
[1]. शैवालों मेंनिम्नलिखित में से किस पौधे में जल परागण पाया जाता है?
[1]. गुडहलघोंघो द्वारा परागण कहलाता है -
[1]. आरनीथोफिली [2]. कायटोटीटोफिली [3]. एटीमोफिली [4]. मलाकोफिलीजीनोगेमी एक प्रकार है -
[1]. एलोगेमी
गुरू बीजाणु धानी किसके समतुल्य होती है -
[1]. भू्रण कोष
पराग कण का अध्ययन कहलाता है -
[1]. पेलिनोलॉजी
एक सामान्य भ्रूण कोष में पाए जाने वाले केन्द्रकों की संख्या है -
[1]. 6
जब पराग नलिका अध्यावरण में होकर प्रवेश करती है तो इस क्रिया को कहते हैं-
[1]. मीसोमैमी
वे द्विलिंगी पुष्प जो कभी नहीं खुलते, प्रदर्शित करते हैं -
[1]. क्लीस्टोगेमीबीज किससे विकसित होते हैं -
[1]. भू्रण
केजुराइना में निषेचन होता है -
[1]. पोरोगेमी
स्कूटेलम किसका भाग है -
[1]. द्विबीजपत्री भ्रूण
स्वपरागण की युक्ति है -
[1]. होमोगेमी
जनन छिद्र वह स्थान है जहां बाह्य चोल -
[1]. मोटा होता है
एक प्रारूपी आवृत्तबीजी बीजांड का नामांकित चित्र बनाइए।
लघुबीजाणुधारी तथा गुरू बीजाणु धानी में अंतर लिखिए।
मादा युग्मकोद्भिद के एक बीजाणुज विकास से क्या समझते हैं?
पुष्प द्वारा स्व-परागण रोकने के लिए विकसित की गई दो कार्यनीति लिखिए।
त्रि संलयन क्या है? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है?
असंग जनन क्या है? इसका महत्व लिखिए।
पराग कण भित्ति रचना में टेपेटम की भूमिका लिखिए।
स्निर जिड की स्थिति एवं कार्य लिखिए।
आवृत्तबीजी परिपक्व परागकण का नामांकित चित्र बनाकर इसके दो भागो के कार्य लिखिए।
खण्ड स
एक प्रारूपी आवृत्तबीजी बीजांड का नामांकित चित्र बनाइए।
लघुबीजाणुधारी तथा गुरू बीजाणु धानी में अंतर लिखिए।
मादा युग्मकोद्भिद के एक बीजाणुज विकास से क्या समझते हैं?
पुष्प द्वारा स्व-परागण रोकने के लिए विकसित की गई दो कार्यनीति लिखिए।
त्रि संलयन क्या है? यह कहाँ और कैसे सम्पन्न होता है?
असंग जनन क्या है? इसका महत्व लिखिए।
पराग कण भित्ति रचना में टेपेटम की भूमिका लिखिए।
स्निर जिड की स्थिति एवं कार्य लिखिए।
आवृत्तबीजी परिपक्व परागकण का नामांकित चित्र बनाकर इसके दो भागो के कार्य लिखिए।
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