12.resoning questions

प्रश्न 4.
समझाइये क्यों प्रोपेनॉल का क्वथनांक हाइड्रोकार्बन ब्यूटेन की तुलना में अधिक होता है ?
उत्तर : 
ब्यूटेन में अणु आपस में दुर्बल वाण्डर-वाल्स आकर्षण बल द्वारा जुड़े होते हैं जबकि प्रोपेनॉल में ये आपस में प्रबल अन्तराणुक हाइड्रोजन बंध द्वारा जुड़े होते हैं
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल तथा ईथर - 28
अतः प्रोपेनॉल का क्वथनांक ब्यूटेन से ज्यादा होता है।

प्रश्न 5.
ऐल्कोहॉल संगत हाइड्रोकार्बन की तुलना में जल में ज्यादा (अधिक) घुलनशील होते हैं। समझाइये। क्यों?
उत्तर : 
ऐल्कोहॉल जल के साथ हाइड्रोजन बंध बनाता है तथा जल के अणुओं के मध्य उपस्थित H-बंध को तोड़ता है। अतः ये जल में घुलनशील होते हैं।

जबकि हाइड्रोकार्बन जल के साथ हाइड्रोजन बंध नहीं बनाते इसलिये जल में अघुलनशील होते हैं।

प्रश्न 12.
ऐल्कोहॉल का क्वथनांक संगत ऐल्केन की अपेक्षा उच्च होता है, क्यों?
उत्तर : 

लगभग समान अणुभार वाले हाइड्रोकार्बनों की अपेक्षा ऐल्कोहॉलों के क्वथनांक बहुत उच्च होते हैं। यह अंतराणुक हाइड्रोजन बंध के कारण होता है। ऐल्कोहॉल अणु हाइड्रोजन बंधों द्वारा संगुणित होते हैं जिनकी ऊर्जा लगभग 5 से 10 कि. कैलोरी मोल-होती है। अतः इन अणुओं के पृथक्करण हेतु अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो क्वथनांक में वृद्धि करते हैं । हाइड्रोकार्बन जो हाइड्रोजन बंध नहीं बनाते हैं उनके क्वथनांक सामान्यतः ऐल्कोहॉलों की अपेक्षा कम होते हैं।

प्रश्न 30.
HI की मेथॉक्सीमेथेन के साथ क्रिया की क्रियाविधि लिखिये।
उत्तर : 
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल तथा ईथर - 72
प्रोटोनीकृत ईथर पर आयोडीन आयन (I-) द्वारा SN2आक्रमण होता है तथा मेथिल आयोडाइड तथा मेथिल ऐल्कोहॉल का मिश्रण बनता है।

परन्तु यदि HI अधिकता में लिया जाता है तो (ii) में बना मेथिल एल्कोहॉल भी निम्न क्रियाविधि द्वारा मेथिल आयोडाइड में बदल जाता है।
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प्रश्न 5.
ऐल्कोहॉलों के क्वथनांक ईथरों की तुलना में उच्च होते हैं, क्यों?
अथवा, C2H5OH तथा CH3OCH3 दोनों का अणु सूत्र C2H6O है, किन्तु ऐल्कोहॉल का क्वथनांक 78.4°C तथा ईथर का क्वथनांक -240°C है। कारण समझाइए।
उत्तर : 

एथिल ऐल्कोहॉल में उसके अनेक अणु आपस में H-बन्ध द्वारा संगुणित (जुड़े) रहते हैं। इस प्रकार के अणुओं को वाष्पित करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ईथर के अणु एकल अवस्था में ही रहते हैं। अतः इसका क्वथनांक कम होता है।
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प्रश्न 15.
विलियमसन की अविरल ईथरीकरण विधि क्या है ? क्या यह अविरल विधि है ? कारण दीजिए एवं विधि का नामांकित चित्र बनाइये।
अथवा, डाइएथिल ईथर बनाने की प्रयोगशाला विधि का नामांकित चित्र बनाइए एवं संबन्धित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर
विलियमसन की अविरल ईथरीकरण विधि-एथिल ऐल्कोहॉल और सान्द्र H2SO4 के मिश्रण को 410 K पर गरम करके बनाया जाता है।
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इस अभिक्रिया में (ii) पद में H2SO4 पुनः – ऐल्कोहॉल उत्पन्न हो जाता है, जो C2H5OH से पद (i) के अनुसार क्रिया करके उसे पुनः ईथर में बदलता है। इस प्रकार यह क्रिया आगे चलती रहती है। इस कारण इस विधि को अविरल ईथरीकरण की विधि कहते हैं।
MP Board Class 12th Chemistry Solutions Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल तथा ईथर - 111

वास्तव में यह विधि निरन्तर नहीं है, क्योंकि H2SO4 का SO4 में विघटन हो जाता है तथा कुछ समय बाद H2SO4 के तनु हो जाने पर अभिक्रिया चित्र-ईथर बनाने की प्रयोगशाला विधि मंद हो जाती है तथा H2SO4 की अधिक मात्रा बाद में मिलानी पड़ती है।





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