2. जीव जगत का वर्गीकरण

प्रश्न 5. : पादपों के कोई पाँच रोगजनक जीवाणुओं एवं उनसे होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:      जीवाणु          –     पादप रोग

  • जैन्थोमोनास साइट्री – नीबू का कैंकर
  • जैन्थोमोनास ओराइजी – ब्लाइट ऑफ राइस
  • जैन्थोमोनास फैसीओलाई – बीन ब्लाइट
  • स्यूडोमोनास सोलेनेसीरम – आलू का शिथिल रोग
  • स्ट्रेप्टोमाइसिस स्कैबीज – पोटैटो स्कैब।

प्र : मनुष्य के कोई पाँच रोगजनक जीवाणुओं एवं उनसे होने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर: मनुष्य के रोगजनक जीवाणु

             जीवाणु            –        मानव रोग

  • कॉरिनेबैक्टीरियम डिफ्थेरी – डिफ्थीरिया
  • विब्रियो कॉलेरी – कॉलेरा
  • माइकोबैक्टीरियमलैप्री – कुष्ठ रोग
  • क्लॉस्ट्रिडियम टिटैनी – टिटेनस
  • साल्मोनेला टाइफी – टायफाइड।

प्र. किन्हीं दो नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणुओं के नाम दीजिये।
उत्तर
: दो नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीवाणुओं के नाम हैं –

  • एजोटोबैक्टर
  • क्लॉस्ट्रिडियम।

प्रश्न 6. निम्नलिखित के एक-एक उदाहरण लिखिए –

  1. ग्राम पॉजिटिव जीवाणु
  2. ग्राम निगेटिव जीवाणु
  3. सल्फर जीवाणु
  4. लौह जीवाणु
  5. नाइट्रीफाइंग जीवाणु
  6. मनुष्य की आँत के जीवाणु
  7. एक तन्तु रूपी सायनोजीवाणु
  8. एक माइकोप्लाज्मा
  9. दूध का दही जमाने वाला जीवाणु
  10. एक ऐण्टिबायोटिक बनाने वाला जीवाणु।

उत्तर:

  1. उदाहरण – पाश्चुरेला
  2. उदाहरण – ईश्चिरीचिया
  3. उदाहरण – थायोबैसिलस
  4. उदाहरण – फेरोबैसिलस्
  5. उदाहरण – नाइट्रोसोमोनास
  6. उदाहरण – ईश्चिरीचिया कोलाई
  7. उदाहरण – नॉस्टॉक
  8. उदाहरण – ऐकोलीप्लाज्मा
  9. उदाहरण – लैक्टोबैसिलस
  10. उदाहरण – स्ट्रेप्टोमाइसेज।

प्रश्न 3. सायनोबैक्टीरिया क्या हैं ?
उत्तर: 
सायनोबैक्टीरिया एककोशिकीय या बहुकोशिकीय, तन्तुवत् ग्राम निगेटिव रंगीन जीवाणु हैं, जिनमें हरितलवक ए, फाइकोबिलिन्स प्रोटीन तथा कैरोटीनॉइड वर्णक पाये जाते हैं। इनकी कोशिकाएँ प्रोकैरियॉटिक होती हैं तथा उनके चारों तरफ एक आवरण पाया जाता है। ये गन्धहीन वातावरण में पाये जाते हैं तथा इन्हें सायनोफेज विषाणु नष्ट कर देते हैं। उदाहरण- नॉस्टॉक, ऐनाबिना, रिवुलेरिया।

प्रश्न सल्फर जीवाणु किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो जीवाणु गंधक तत्व या H2S से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, उन्हें सल्फर जीवाणु कहते हैं। थायोबैसिलस डिनाइट्रीफिकेन्स सल्फर को सल्फ्यूरिक अम्ल में ऑक्सीकृत कर देते हैं तथा इस प्रक्रिया में उत्पन्न ऊर्जा को उपयोग में लाते हैं। ये जीवाणु अत्यधिक अम्लता को भी सह लेते हैं।
2S + 8H2O + 3CO→ 2H2SO+ 3(CH2O) + 3H2O + ऊर्जा



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