नौ तपा स्टोरी: बुंदेलखंडी
*नौतपा से बचबे के नौ बुंदेलखंडी ठटकरम*
देखो दाऊ तुम अपने आओ सो के रय हें, नोतपा लग गये हें सो ज्यादा हुसियार ने बनियो। एक प्याज़ की गठिया जेब मे धर ले हो तो छोटे बाप के ने हो जे हो !!
"हमे तो घामे में कछु नई होत" के कें घर से निकर हो तो भोत बड़े बल्लम ने बन जे हो !!
बड्डे, हम का के रय हें के कूलर में तनक सी बरफ़ डाल ले हो तो भोतइ मजा आ हे !!
सतुआ, आम को पनो, मठा, मुरचन, दिन में दो तीन बेर सूंट दे हो तो पेट भलाई गुड़ गुडा जाए पे लू तो बिल्कुल ने लग हे !!
रात में सोत टेम दो बाल्टी पानी छत पे ले जा कें उतईं सपर लिय्यो, छत जुड़ा जे हे और अपन भी !!
सड़क किनारे गाड़ी रोक के दस रुपैया को बरफ वारो गन्ना को रस पी ले हो तो जायदाद ने लूट जे हे !!
ये टेम पे दो रोटी कम खे तो दुबरया हो ने, कलीदों और चीमरी के लाने सोई पेट मे जगा बनी रेन दिय्यो !!
गाडी-घोडा पे हेलमेट पेर बे की आदत तो तुमाए कक्का तक नई डार पाये, पे यदि शरम ने आय तो 50 रुपैया को एक गमछा, नई तो 20 रुप्पटी को रुमाल तो मूड़ में बांदई लिय्यो !!
भरी दुफरिया में कोऊ .......... के चक्कर मे ठंडई और आइसक्रीम ने मसक दिय्यो नई तो अस्पताल के चक्कर लगाने पर हें !!
हम सई सई बतायें तो दाऊ हम जा इत्ती मगजमारी ऐसे आय कर रय काय कि तुम अपनेई आओ, सो भइया हमने तो अपनो फ़रज़ पूरो कर दओ अब बाकी आप जानियो।
और हाँ इत्ते के बाद भी हमाई कोनउँ जरुरत पर जाये तो हमाओ नंबर हेई तुमाये जरों, सो लगा लिय्यो जब चाये !!!!
कई सुनी माफ करियो...
तुमाओ
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