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परिरक्षण प्रभाव एवं आयनन ऊर्जा

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प्रश्न - परिरक्षण प्रभाव किसे कहते हैं ? उत्तर - परिरक्षण प्रभाव - नाभिक   एवं अंतिम कोश के  इलेक्ट्रोनों के बीच एक ऐसा प्रतिकर्षी आवरण कार्य करता है  जो नाभिक के आकर्षण को कम कर देता हैैैै इसे आवरणी प्रभाव या परिरक्षण प्रभाव या शील्डिंग इफेक्ट या स्क्रीनिंग प्रभाव कहते हैं। प्रश्न - आयनन ऊर्जा किसे कहते हैं इसे प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए । उत्तर -आयनन ऊर्जा  -किसी तत्व के विलगित या गैसीय परमाणु के बाहरी कक्ष में से एक इलेक्ट्रॉन बाहर निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा को उस तत्व की आयनन ऊर्जा या आयनन विभव कहते हैं। आवर्त में -  आवर्त में बाएं से दाएं जानेेे पर आयनन ऊर्जा का मान अधिक होता जाताा है क्योंकि नाभिकीय आवेश में वृद्धि के कारण परमाणु का आकार घटता है जिससे आयनन ऊर्जा का मान बढ़ जाता है।   वर्ग में -  वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है जिससे अयनन ऊर्जा का मान घटता है। #आयनन ऊर्जा को प्रभावित करने वाले कारक -  आयनन ऊर्जा को निम्नलिखित को कारक प्रभावित करते हैं- 1.परमाणु आकार -  परमाणु का आकार अधिक होने पर...

Class 11th Chapter 7 अम्लीय एवं क्षारीय बफर विलयन की क्रिया विधि

प्रश्न - अम्लीय बफर विलयन की क्रिया विधि समझाइए । उत्तर - एसिटिक अम्ल और सोडियम एसिटेट का विलयन अमलीय बफर विलयन का उदाहरण है । सोडियम एसीटेट प्रबल विद्युत अपघट्य है इसके आयनन से बहुत अधिक एसीटेट आयन प्राप्त होते हैं , सोडियम एसीटेट के समआयन प्रभाव द्वारा एसिटिक अम्ल के आयनन को कम कर देता है जिससे बहुत कम हाइड्रोजन आयन बनते हैं               CH3COONa ----> CH3COO- + Na+                CH3COOH -----> CHCOO- + H+ इस बफर विलयन में एक बूंद HCl मिलाने पर जो हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं वे CH3COO- आयन से संयुक्त होकर एसिटिक अम्ल बना लेते हैं , जिनका आयनन बहुत कम होता है।  अतः HCl जैसे प्रबल विद्युत अपघटय मिलाने पर भी विलयन के हाइड्रोजन आयन के सांद्रण में वृद्धि नहीं हो पाती है ।             CH3COONa ----> CH3COO- + Na+                       HCl --------> H+ + Cl- प्रश्न - क्षारीय बफर विलयन की क्...

Class 12th Chapter 6 ll बॉक्साइट अयस्क से Al धातु का निष्कर्षण

प्रश्न - बॉक्साइट अयस्क से एल्युमीनियम धातु का निष्कर्षण कैसे किया जाता है, समझाइए । उत्तर - एल्युमीनियम का प्रमुख अयस्क बॉक्साइट है । इससे एल्युमीनियम धातु का निष्कर्षण निम्न पदों में किया जाता है - A. बॉक्साइट का शोधन B. एलुमिना का विद्युत अपघटन C.एल्युमीनियम का शोधन A.बॉक्साइट का शोधन - बॉक्साइट में मुख्यतः आयरन, टाइटेनियम एवं सिलिकॉन के ऑक्साइड ,अशुद्धियों के रूप में रहते हैं एल्युमीनियम के निष्कर्षण का पहला चरण इन अशुद्धियों को निम्न विधियों में से किसी एक विधि द्वारा हटाया जाना जरूरी है -  1. बायर विधि(Buyer's process) - इस विधि का उपयोग कब किया जाता है जब बॉक्साइट में हेमेटाइट(Fe2O3) की प्रतिशत मात्रा अधिक होती है । 2.सरपेक विधि(Serpek's process) - इस विधि का उपयोग तब किया जाता है । जब अयस्क में सिलिका(SiO2) की अशुद्धि अधिक होती है । इस विधि का एक लाभ यह है कि इसमें सह उत्पाद के रूप में महत्वपूर्ण * अमोनिया * गैस भी प्राप्त होती है । 3.हॉल विधि(Hall's process) - इस विधि का उपयोग किया जाता है जब उसमें हेमेटाइट एवं सिलिका दोनों की अशुद्धि मिली रहती है ...

CLASS 11TH अध्याय 3 PART 11

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प्रश्न - किसी तत्व का परमाणु क्रमांक 17 है इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर आवर्त सारणी में इसका स्थान निश्चित कीजिए। उत्तर - जिस तत्व का परमाणु क्रमांक 17 है उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न है -  1.ब्लॉक - बाहरी कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3s2 3p5 है जिससे स्पष्ट है कि यह तत्व p- ब्लाॅक का है क्योंकि अंतिम इलेक्ट्रॉन p ब्लाॅक में रखा गया है । 2.समूह - इसका कोश अपूर्ण है तथा इलेक्ट्रोनों की संख्या उसके समूह का निर्धारण करती है अतः यह तत्व सातवें समूह का है। 3. आवर्त - किसी तत्व के कोशों की संख्या उसके आवर्त को दर्शाती है अतः इसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से स्पष्ट है कि यह तत्व तीसरे आवर्त का है । प्रश्न - धनायन का आकार संगत परमाणु से छोटा होता है । क्यों ? उत्तर - किसी परमाणु के एक या अधिक इलेक्ट्रॉन खोने से धनायन का निर्माण होता है इस प्रक्रम में नाभिक में प्रोटनों की संख्या और नाभिकीय आवेश तो नाभिक में समान रहता है लेकिन बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या घट जाती है परिणामस्वरूप नाभिकीय आकर्षण बल प्रति इलेक्ट्रॉन बढ़ जाता है और बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉन मजबूती से नाभिक से ...

अध्याय 3 विद्युत रसायन PART - 19

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   श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज   CHEMISTRY By H.K Sir    Contact us - 7566113339 ईधन सेल - वे सेेल जिनमें हाइड्रोजन ,ऑक्सीजन ,मेथेेन आदि ईंधन के दहन से प्राप्त उर्जा को सीधे को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है ईंधन सेल कहलाते हैं। उदाहरण - H2-O2 ईंधन सेल इसका सबसे अच्छा उदाहरण है इस तरह के H2-O2 ईंधन सेल का उपयोग चंद्रमा पर उतरने वाले अपोलो अंतरिक्ष यान में सफलतापूर्वक किया गया था। क्रियाविधि - इस सेल में हाइड्रोजन गैस तथा ऑक्सीजन गैसों को छिद्र युक्त कार्बन इलेक्ट्रोड से होकर सांद्र NaOH या KOH विलयन मेंं बुलबुलों के के रूप में प्रवाहित करते हैं । हाइड्रोजन गैस एनोड़ कक्ष मेंं भेजी जाती है  जहां उसका ऑक्सीकरण होता है तथा ऑक्सीजन गैस कैैथोड़ कक्ष में भेजते है जहांं उसका अपचयन होताा है और सेल मेंं अभिक्रिया निम्न प्रकार सेे होती -  अतः गैसीय मिश्रण को सतत रखने पर सेल लगातार कार्य करते रहता है इस तरह के सेलों को सामान्यतः 70 से 140 डिग्री सेल्सियस ताप पर...

कक्षा 11th अध्याय 4 PART 3

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    Shricoaching Classes Begamganj              Chemistry by H.K SIR प्रश्न - ध्रुवीय तथा अध्रुवीय सहसंयोजक बंध किसे कहते हैं ? उत्तर - ध्रुवीय सहसंयोजक बंध - असमान परमाणुओं के मध्य बनने वाले सहसंयोजक बंध को ध्रुवीय सहसंयोजक बंध कहते हैं। उदाहरण - HCl,HF etc. अध्रुवीय सहसंयोजक बंध - समान परमाणुुु के मध्य बनने वाले सहसंयोजक बंध को  अध्रुवीय सहसंयोजक बंध कहते हैं । उदाहरण - H2,O2,N2 etc. प्रश्न - अतिव्यापन किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं ? उत्तर -अतिव्यापन (Overlapping) - जब परमाणु यह कक्षक एक दूसरे के पास आते हैं तो उनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है और इसके फलस्वरूप अणु का निर्माण होता है इसे अतिव्यापन कहते हैं । अतिव्यापन के प्रकार - अतिव्यापन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं -  1.S-S अतिव्यापन - जब एक परमाणु का s-कक्षक दूसरे परमाणु के s-कक्षक के पास आता है तो इनका कुछ भाग एक दूसरे में समा जाता है तब इस प्रकार के अतिव्यापन को s-s  अतिव्यापन कहते हैं । जैसे - हाइड्रोजन अणु ...

कक्षा 11th अध्याय 4 पार्ट - 1

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           SHRICOACHING CLASSES  BEGAMGANJ                 CHEMISTRY BY H.K SIR प्रश्न 1.रासायनिक बंध किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं। उत्तर -  रासायनिक बंध -  रासायनिक बंध वह बंध है ,जो अणुओं में उपस्थित परमाणुओं को आपस में बांधे रखता है । रासायनिक बंध के प्रकार -  रासायनिक बंध निम्न तीन प्रकार के होते हैं -  1. आयनिक बंध ( Ionic bond) 2.सहसंयोजक बंध (Co- valent bond) 3. उपसहसंयोजक बंध (co-ordinate bond) प्रश्न - 2. संयोजी इलेक्ट्रॉन किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए। उत्तर -  संयोजी इलेक्ट्रॉन - किसी तत्व या परमाणु का अंतिम कोश संयोजी कोश कहलाता है ,तथा  उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉन संयोजी इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। उदाहरण - सोडियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है इसलिए इसमें संयोजी कोश की संख्या 3 तथा इसमें उपस्थित संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 है। प्रश्न -3. अष्टक नियम क्या है ? उदाहरण दीजिए । उत्तर - आधुनिक अष्टक नियम - प्रत्येक तत्व के परमाणु अपने निकटतम अक्रिय...

कक्षा 11th PART - 10

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          श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज            CHEMISTRY By H.K Sir         Contact us - 7566113339 प्रश्न - इलेक्ट्रॉन बंधुता एवं विद्युत ऋणात्मकता में अंतर लिखिए । प्रश्न - विद्युत ऋणात्मकता किसे कहते हैं ? यह इलेक्ट्रॉन बंधुता से किस प्रकार भिन्न है ,यह अवार्त तालिका में किस प्रकार परिवर्तित होती है ? उत्तर -  विद्युत ऋणात्मकता -  एक सहसंयोजक अणु में किसी परमाणु के साझे के इलेक्ट्रॉनों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को उस तत्वों की विद्युत  ऋणात्मकता या   ऋणविधुता  कहते हैं इलेक्ट्रॉन बंधुता से भिन्नता - 1. किसी परमाणुुुु की गैसीय अवस्थाा में एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने पर मुक्त होोने वाली परमाणु की इलेक्ट्रॉॉन बंधुता होती है  जबकि सह संयोजक अणु में उपस्थित परमाणु द्वारा साझे के इलेक्ट्रॉन जोड़े को अपनी और आकर्षित करनेे की प्रवृत्ति  ऋणविधुता  कहलाती है । 2. इलेक्ट्रॉन बंधुता की इकाई इलेक्ट्रॉन वोल्ट होती है जबकि विद्युत ऋणात्मकता कि कोई इकाई न...

अध्याय- 5 पृष्ठ रसायन PART - 1

Shricoaching Classes Begamganj Chemistry by H.K sir Contact -7566113339 प्रश्न .1 पृष्ठ रसायन क्या है ? उत्तर - पृष्ठ रसायन -  पृष्ठ रसायन, रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण शाखा है जिसके अंतर्गत हम सतह (इंटरफ़ेस) पर होने वाली घटनाओं का अध्ययन करते हैं जैसे घुलना ,क्रिस्टलीकरण ,संक्षारण, इलेक्ट्रोड की प्रक्रियाएं आदि।                        अथवा यह रसायन की वह शाखा है जिसके अंतर्गत ठोसों के पृष्ठ तल के स्वभाव एवं इनके पृष्ठ तल पर होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। प्रश्न 2. निम्न को समझाइए  -  1. अधिशोषण  (Adsorbtion) - जब  किसी पदार्थ (गैस  या  द्रव) की किसी ठोस पर उपस्थित सांद्रता ठोस के स्थूल में उपस्थित सांद्रता की अपेक्षा अधिक होती है तो इस घटना को अधिशोषण कहते हैं । 2.अधिशोषक (Adsorbent) - ऐसे ठोस पदार्थ जिनके पृष्ठ या सतह पर अधिशोषण होता है  अधिशोषक  कहलाते हैं । जैसे सिलिका जेल, चारकोल, बोन चारकोल ,बारीक चूर्ण धातु -प्लैटिनम, पैलेडियम ,निकिल आदि। 3.अधिशोष्य (Adsorbate) - ...

कक्षा 11th अध्याय 4 PART - 2

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प्रश्न - आयनिक बंध किसे कहते हैं ?  आयनिक यौगिक के गुण लिखिए । उत्तर -  आयनिक बंध - परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के आदान प्रदान से बना बंध  आयनिक बंध या विद्युतसंयोजी बंध  कहलाती है । तथा इस प्रकार बने यौगिक को    आयनिक यौगिक कहते हैं । उदाहरण - NaCl एक  आयनिक यौगिक है इसमें Na अपना एक इलेक्ट्रॉन देता है और क्लोरीन इस इलेक्ट्रॉन ग्रहण को करता है । आयनिक यौगिकों की विशेषताएं -  1. आयनिक  यौगिक  सामान्यतः दृढ़ क्रिस्टलीय ठोस होते हैं। 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक एवं क्वथनांक उच्च होता है। 3. आयनिक बंध अदिशात्मक होते हैं। 4. आयनिक यौगिक ध्रुवीय विलायकों में विलेय होते हैं । 5.आयनिक यौगिक जलीय विलयन में या पिघली हुई अवस्था में विद्युत के सुचालक होते हैं। प्रश्न - सह संयोजी बंध किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए एवं सह संयोजी यौगिकों के गुण लिखिए । उत्तर - सहसंयोजी बंध - जब दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन की साझेदारी होती है तब जिस बंध का निर्माण होता है उसे सहसंयोजक बंध कहते हैं तथा जिन योगिकों में यह बंध पाया जाता है उन्हें सह संयोजी यौ...

कक्षा 11th अध्याय 4 PART - 4

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               श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज प्रश्न - संकरण किसे कहते हैं ? संकरण के नियम लिखिए। उत्तर - परमाणु के संयोजी कोश में उपस्थित लगभग समान ऊर्जा एवं आकृति वाले कक्षक आपस में संयुक्त होकर ऊर्जा का पुनः वितरण कर के समान ऊर्जा एवं समान आकृति के कक्षकों का निर्माण करते हैं तब इस प्रक्रिया को संकरण कहते हैं तथा नए बने कक्षकों को संकरित कक्षक कहते हैं। संकरण के नियम - संकरण के नियम निम्न है -  1.संकरण में भाग लेने वाले कक्षक लगभग समान ऊर्जा वाले होने चाहिए । 2.जितने कक्षक संकरण में भाग लेते हैं उतने ही नए संकरित कक्षक बनते हैं । 3.संकरण में कक्षक भाग लेते हैं ना कि इलेक्ट्रॉन । संकरण में पूर्ण भरे ,आधे भरे एवं खाली सभी प्रकार के कक्षक भाग ले सकते हैं । 4.संकरित कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों का वितरण इस प्रकार होता है कि अयुग्मित  इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिकतम हो । 5.संकरित कक्षक ऊर्जा एवं आकार में समान होते हैं किंतु धर्म में इनका विन्यास एक दूसरे से भिन्न हो सकता है। संकरण के प्रकार -  संकरण की प्रक्रिया में भाग लेने ...

Class 11th Chapter 4 PART 8 ll VSEPR सिद्धांत एवं उसकी कमियां ll VSEPR सिद्धांत के अनुसार अमोनिया एवं जल के अणु की संरचना

  प्रश्न - एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lone pair of electron) किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए। उत्तर - एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lp) -  किसी परमाणु के वे इलेक्ट्रॉन जो बंध बनाने में भाग नहीं लेते हैं एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म (lone pair of electron) कहलाते हैं । उदाहरण - अमोनिया(NH3) में नाइट्रोजन(N) पर 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म(lp) तथा जल(H2O) में ऑक्सीजन परमाणु(O) पर 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म उपस्थित होते हैं । प्रश्न - VSEPR सिद्धांत क्या है उदाहरण सहित लिखिए।               अथवा  संयोजी कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण(VSEPR) सिद्धांत क्या है ? उदाहरण सहित लिखिए। उत्तर -  VSEPR सिद्धांत -  इस सिद्धांत का प्रतिपादन सर्वप्रथम सिजविक एवं पावेल ने 1940 में किया था । इसके बाद 1957 में नाइहोम एवं गिलेस्पी ने इसको विकसित करके इसमें कुछ संशोधन किया । यह सिद्धांत परमाणु की संयोजकता कोष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्मों के मध्य प्रतिकर्षण पर आधारित है ।  इस सिद्धांत के अनुसार - किसी अणु के केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म...

CLASS 11th CHAPTER 4 PART-9 संयोजकता बंध सिद्धांत एवं उसकी कमियां ll बंध कोण ll अनुनाद ll द्विध्रुव आघूर्ण

प्रश्न - संयोजकता बंध सिद्धांत (VBT) क्या है ? इसके प्रमुख अभिगृहीत लिखिए। एवं संयोजकता बंध सिद्धांत की कमियां लिखिए। उत्तर - संयोजकता बंध सिद्धांत (VBT) - संयोजकता बंध सिद्धांत को सर्वप्रथम सन 1927 में हिटलर एवं लंदन ने प्रस्तुत किया । जिसे सन 1933 में पोलिंग एवं स्लेटर ने विस्तृत रूप से विकसित किया इस प्रकार हिटलर - लंदन द्वारा प्रस्तुत एवं पोलिंग - स्लेटर द्वारा विकसित सिद्धांत को सम्मिलित रूप से संयोजकता बंध सिद्धांत कहते हैं । इस सिद्धांत के प्रमुख अभिगृहीत निम्न है - 1. परमाणुओं के मध्य सहसंयोजी बंध उनके संयोजकता कोष के अर्ध पूरित परमाण्विक ऑर्बिटलों के अतिव्यापन से बनते हैं । 2. अतिव्यापन में भाग लेने वाले कक्षकों के इलेक्ट्रॉनों के चक्रण विपरीत होते हैं । 3. बंध की प्रबलता अतिव्यापन की सीमा पर निर्भर करती है । 4. अतिव्यापन से ऊर्जा मुक्त होती है । संयोजकता बंध सिद्धांत की सीमाएं - 1. अणुओं के  अनुचुंबकीय तथा प्रति चुंबकीय व्यवहार को समझाने में असफल रहा । 2. उपसहसंयोजक बंध के संबंध में कोई जानकारी नहीं देता है । 3. सहसंयोजक बंध की ध्रुवता तथा अनुनाद को समझाने में असफल रहा ...

CLASS 11th Chapter 4 PART 10 ll आबंधी एवं अनाबंधी आणविक कक्षक ll MOT सिद्धांत

CLASS 11th Chemistry Chapter 4 PART 10  by H.K SIR प्रश्न - आणविक कक्षक किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं । उत्तर - आणविक कक्षक - दो परमाण्विक कक्षक के संयोग से बने नए कक्षकों को आणविक कक्षक कहते हैं । आणविक कक्षक निम्न दो प्रकार के होते हैं - 1.आबंधी आणविक कक्षक(Bonding Molecular Orbital) 2.अनाबंधी आणविक कक्षक(Anti Bonding Molecular Orbital) 1.आबंधी आणविक कक्षक - दो परमाण्वीय कक्षकों के संयोगीे अतिव्याा से बने नए कक्षकों को आबंधी आणविक कक्षक(BMO)  कहते हैं और इन्हें सिग्मा, पाई और डेल्टा संकेत से प्रदर्शित करते हैं । यह ऑर्बिटल अणु को स्थाई बनाते हैं । इसकी ऊर्जा का मान परमाणु ऑर्बिटल की ऊर्जाओंं के योग से कम होता है 2.अनाबंधी आणविक कक्षक - दो परमाण्वीय कक्षकों के विनाशी अतिव्यापन से बने नए कक्षकों को अनाबंधी आणविक कक्षक(ABMO)  कहते हैं और इन्हें सिग्मा, पाई और डेल्टा संकेत से प्रदर्शित करते हैं ।यह ऑर्बिटल अणु को आस्थाई बनाते हैं । इसकी ऊर्जा का मान परमाणु ऑर्बिटल की ऊर्जाओंं के योग से अधिक होता है प्रश्न -  आणविक कक्षक सिद्धांत (MOT) किसे कहते हैं इसके प्...

कक्षा 11th अध्याय 4 PART - 5

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श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज कक्षा 11th अध्याय 4 PART - 5 प्रश्न - संकरण के प्रकार लिखिए  एवं उनकी संरचना, बंध कोण एवं उदाहरण दीजिए । उत्तर - शंकर की प्रक्रिया में भाग लेने वाले शिक्षकों के आधार पर संकरण को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है - प्रश्न - संकरण की सहायता से मेथेन(CH4) अणु की संरचना समझाइए।                                अथवा sp3 संकरण को उदाहरण सहित समझाइए। उत्तर - CH4 की सरंचना -  इसका केंद्रीय परमाणु कार्बन है इसकी मूल अवस्था में दो आयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं जब यह ऊर्जा प्राप्त करके उत्तेजित अवस्था में आता है तो 2s कक्षक का एक इलेक्ट्रॉन 2Pz कक्षक में चला जाता है जिससे कार्बन के पास चार आयुग्मित इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं । फिर यह चारों  आयुग्मित इलेक्ट्रॉन वाले कक्षक मिलकर ऊर्जा का पुनः वितरण करके चार नए समान ऊर्जा वाले एवं समान आकृति वाले संकरित कक्षक बनाते हैं। कार्बन के चारों संकरित कक्षक 4 हाइड्रोजन परमाणु की 1s कक्षक के साथ अतिव...

कक्षा 11th अध्याय 4 PART - 6

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Class 11th अध्याय 4 PART - 6 दिए गए अणुओं में कुल सिग्मा एवं पाई बंध की संख्या बताइए -  1.C2H2 2.C2H4 3.C2H6 उत्तर -  प्रश्न -  नीचे दिए गए अणुओं में प्रत्येक कार्बन परमाणु का संकरण बताइए -  1.CH3-CH3 2.CH3-CH=CH2 3.CH3CH2-OH 4.CH3CHO उत्तर -  प्रश्न - नीचे दिए गए योगिकों में संकरण,ज्यामिति आकृति,बंध कोण बताइए - 1.BeF2 2.BF3 3.CH4 4.PCl5 5.SF6 उत्तर - इसका उत्तर स्वयं लिखें।

CLASS 11th Chapter 4 PART 13 ll हाइड्रोजन बंध एवं उसके प्रकार ll तार्किक प्रश्न

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CLASS 11TH CHAPTER 4 PART 13         CHEMISTRY BY H.K SIR प्रश्न - हाइड्रोजन बंध किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं । उत्तर - हाइड्रोजन बंध - जब हाइड्रोजन परमाणु किसी प्रबल ऋणविद्युती परमाणु जैसे- फ्लोरीन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन से सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़ा रहता है तो हाइड्रोजन पर अतिरिक्त बंध बनाने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है इसे हाइड्रोजन बंध कहते हैं । और इसे बिंदुकित रेखा (.....) से प्रदर्शित करते हैं । हाइड्रोजन बंध के प्रकार -   हाइड्रोजन बंधन निम्न दो प्रकार के होते हैं - 1.अंतर - अणुक हाइड्रोजन बंधन (Intermolecular hydrogen bond) 2. अंतः अणुक हाइड्रोजन बंधन (Intramolecular hydrogen bond) 1.अंतर - अणुक हाइड्रोजन - जब हाइड्रोजन और विद्युत ऋणात्मक परमाणु दो भिन्न- भिन्न अणुओं में उपस्थित हो, तब इस प्रकार बने हाइड्रोजन बंध को अंतर- अणुक हाइड्रोजन बंध कहते हैं । जैसे - जल, हाइड्रोजन फ्लोराइड(HF) ,एथिल अल्कोहल(C2H5OH) आदि में अंतर- अणुक हाइड्रोजन बंध पाया जाता है।                  H-F.....H-F....H-F....H-F 2....

Class 11th Chapter 5 PART 5 ll आदर्श गैस समीकरण एवं उसके आंकिक प्रश्न

श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज CHEMISTRY by H.K Sir Class 11th Chapter 5 PART 4 प्रश्न - आदर्श गैस समीकरण किसे कहते हैं, समझाइए ।                       अथवा आदर्श गैस समीकरण क्या है इसकी स्थापना कीजिए ।                         अथवा  सिद्ध कीजिए कि -                             PV = nRT उत्तर - आदर्श गैस समीकरण - वह समीकरण जो किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान के दाब (P), आयतन(V) एवं परम ताप(T) में संबंध बताती है, आदर्श गैस समीकरण कहलाती है । इसे PV=nRT से व्यक्त करते हैं । गणितीय व्यंजक -  बॉयल के नियम से -                            V व्युत्क्रानुपाती 1/P चार्ल्स के नियम से -                              V समानुपती T आवोगाद्रो के नियम से -      ...

Class 11th Chapter 5 PART 3 ll बॉयल का नियम एवं उसके आंकिक प्रश्न

Class 11th Chapter 5 पदार्थ की अवस्थाएं प्रश्न - बॉयल का नियम लिखिए एवं इसकी गणितीय व्याख्या कीजिए। उत्तर - बॉयल का नियम - इस नियम के अनुसार - स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रानुपाती होता है। इसे बॉयल का नियम कहते हैं । अर्थात             V = K.1/P ( स्थिर ताप पर)                   K = PV ---------(1)  यहां K = एक स्थिरांक है । गणितीय व्यंजक - स्थिर ताप पर प्रारंभिक अवस्था में यदि दाब P1 एवं आयतन V1 हो, तब समीकरण (1) से -               K = P1V1----------(2) इसी प्रकार अंतिम अवस्था में दब P2 एवं आयतन V2 हो तब -               K = P2V2----------(3) समीकरण (2) व (3) से -         P1V1 = P2V2                    या           P1/P2 = V2/V1 आंकिक प्रश्न - 1. 740 mm दाब पर किसी गै...

Class 11th Chapter 5 ll PART 4 ll चार्ल्स का नियम ll आवोगेद्रो का नियम ll गेलूसाक का नियम

प्रश्न - चार्ल्स का नियम क्या है इसका गणितीय व्यंजक स्थापित कीजिए। उत्तर - चार्ल्स का नियम - इस नियम के अनुसार स्थिर दाब पर किसी गैस का निश्चित आयतन उसके ताप के समानुपाती होता है, अर्थात          V समानुपती T            V = K .T           V/T = K ------(1) यहां K एक समानुपातिक स्थिरांक है। गणितीय व्यंजक - स्थिर दाब पर प्रारंभिक अवस्था में गैस का आयतन V1 एवं ताप T1 हो तब समीकरण (1)से -     K = V1/T1 ------(2) इसी प्रकार अंतिम अवस्था में आयतन V2 एवं ताप T2 हों तो -      K = V2/T2 ------(3) समीकरण (2) व (3) से -    V1/T1 = V2/T2                   या      V1/V2 = T1/T2 प्रश्न - 0°C ताप पर एक गैस का आयतन 546 ml है । इसी दाब पर इसका आयतन किस ताप पर दोगुना हो जाएगा ? हल -  प्रश्न - 27°C ताप पर किसी गैस का आयतन 30 घन सेंटीमीटर है ,यदि दाब स्थिर रखकर इस गैस का ताप 37°C क...

Class 12th Chapter 6 PART 1 ll खनिज ll अयस्क ll गैंग ll सांद्रण ll धातुमल ll भर्जन ll निस्तापन ll प्रगलन ll धातुकर्म ll गालक

Class 12th ll Chapter - 6 - धातु के निष्कर्षण एवं उनके प्रमुख यौगिकों का अध्ययन ll PART - 01 प्रश्न -निम्न को समझाइए - 1.खनिज         2.अयस्क           3. गैंग  4. सांद्रण           5.धातुमल          6.भर्जन 7. निस्तापन     8. प्रगलन          9. धातुकर्म  10. गालक 1.खनिज (Mineral) - स्थलमंडल में पाए जाने वाले प्राकृतिक पदार्थ जिनमें धातु पाई जाती है , खनिज या मिनरल कहलाते हैं । 2.अयस्क (Ores) - वे खनिज जिनसे धातु आसानी से और कम खर्चे से प्राप्त कर सकते हैं,अयस्क (Ores) कहलाते हैं । 3.गैंग(Gangue) - अयस्कों में प्रायः मिट्टी ,कंकड़ ,पत्थर आदि की अगलनीय अशुद्धि मिली रहती हैं। इन अनावश्यक पदार्थों को गैंग या आधात्री कहते हैं । 4.सांद्रण(Concentrate) - गैंग को अयस्कों से प्रथक करना अयस्कों का सांद्रण कहलाता है । अयस्कों का सांद्रण निम्न विधियों द्वारा किया जाता है -  a.गुरुत्व पृथक्करण विधि b.विद्युत चुंबकीय पृथक्करण विधि c.झाग उ...

Class 11th Chapter 4 PART 12 ll H2, He2,O2 के आण्विक कक्षक आरेख

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Class 11th Chapter 4 PART 12 Shri Coaching classes begamganj Chemistry by H.K Sir प्रश्न - हाइड्रोजन अणु (H2) एवं हाइड्रोजन आयन का ऊर्जा आरेख बनाइए एवं इनके बंधन क्रम, चुम्बकीय गुण तथा स्थायित्व को भी बताइए । उत्तर - हाइड्रोजन अणु (H2) -  इसके निर्माण में दो हाइड्रोजन परमाणु भाग लेते हैं इसलिए बंध बनाने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या दो होती है। दोनों परमाणु के कक्षक परस्पर जुड़कर आणविक कक्षक बनाते हैं। जिन्हें नीचे आरेख में दर्शाया गया है -  H2 अणु का आण्विक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास - बंधन क्रम - 1 चुम्बकीय प्रकृति -   प्रति चुंबकीय स्थायित्व - स्थाई   हाइड्रोजन आयन - इसका आण्विक कक्षक विन्यास निम्नानुसार है -  बंधन क्रम - 0.5 चुम्बकीय प्रकृति - अनुचुंबकीय स्थायित्व - आस्थाई प्रश्न - He2 अणु एवं He धनायन अणु का ऊर्जा आरेख बनाइए । उत्तर - He2 अणु -  He धनायन अणु -  प्रश्न - ऑक्सीजन अणु का ऊर्जा आरेख बनाइए । उत्तर - ऑक्सीजन अणु - इसके निर्माण में दो ऑक्सीजन परमाणु भाग लेते हैं दोनों परमाणुओं के कक्षक परस्पर...

Class 11th ll Chapter 5 ll PART 6 ll आदर्श गैस एवं वास्तविक गैस ll गैस स्थिरांक के विभिन्न मान ll संपीड्यता गुणांक

Shri Coaching classes begamganj Class 11th Chapter 5 PART 6 प्रश्न - गैस स्थिरांक (R) के विभिन्न मान लिखिए। उत्तर - सार्वत्रिक गैस स्थिरांक को ऊर्जा के विभिन्न इकाइयों के रूप में निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है - 1. लीटर वायुमंडलीय दाब में - 0.0821 L atm /K mol 2. सीजीएस पद्धति में - 8.314 × 10*7 erg /K mol 3. एस आई पद्धति में - 8.314 J / K mol 4. कैलोरी में - 1.98 cal /K mol प्रश्न - संपीडियता गुणांक किसे कहते हैं । उत्तर - संपीड्यता गुणांक - निश्चित ताप और दाब पर किसी गैस के प्रेक्षित आयतन तथा अवलोकित आयतन (गणना से प्राप्त आयतन) का अनुपात संपीड्यता गुणांक कहलाता है । इसे Z से प्रदर्शित करते हैं । आदर्श गैस के लिए संपीड्यता गुणांक का मान 1 होता है ।        संपीड्यता गुणांक(Z) = PV/ nRT प्रश्न - आदर्श गैस किसे कहते हैं इसके प्रमुख गुण लिखिए । उत्तर - आदर्श गैस (Ideal Gas) - वह गैस जो गैस नियमों का सभी ताप एवं दाब पर पालन करती है, आदर्श गैस कहलाती है । वास्तव में कोई भी गैस आदर्श गैस नहीं है। आदर्श गैस के गुण -  1. यह आदर्श गैस समीकरण का पालन करती...

Class 11th ll Chapter 5 ll PART 7 ll गैसों का अणु गति सिद्धांत

      श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज Class 11th ll Chapter 5 ll PART 7 प्रश्न - गैसों के अणु गति सिद्धांत के प्रमुख अभिगृहीत लिखिए ।               अथवा गैसों के अणुगति सिद्धांत की प्रमुख अवधारणाएं लिखिए । उत्तर - गैसों का अणुगति सिद्धांत - गैसों के गुणों का सैद्धांतिक तरीके से स्पष्टीकरण करने के लिए एक अणु गति सिद्धांत प्रतिपादित किया गया ।जिसे गैसों का अणुगति सिद्धांत कहते हैं इस सिद्धांत का प्रतिपादन अनेक वैज्ञानिकों ने किया जिनमें से हुक, बरनौली बोल्ट्जमैन, वांडरवाल्स , मैक्सवेल आदि प्रमुख हैं। गैसों के अणु गति सिद्धांत की प्रमुख अवधारणाएं -  1. प्रत्येक गैस सूक्ष्म कणों से मिलकर बनी होती है, जिन्हें अणु कहते हैं । 2. एक ही गैस के सभी अणु समान होते हैं ,लेकिन विभिन्न गैसों के अणु भिन्न-भिन्न होते हैं । 3. गैसों का अधिकांश भाग खाली होता है । 4. गैस के अणुओं के स्वयं का आयतन, गैस के कलायतन की तुलना में नगण्य होता है । 5. गैस के अणु सदैव गतिमान रहते हैं । 6. गैसीय अणु द्वारा पात्र की दीवारों पर टक्करों के कारण दाब उत्पन्न होता है। 7. ग...

Class 11th ll Chapter 5 ll PART 9 ll ग्राहम का विसरण नियम ll डाल्टन का आंशिक दाब का नियम

श्री कोचिंग क्लासेस बेगमगंज Chemistry by HK Sir Class 11th ll Chapter 5 ll PART 9 प्रश्न - ग्राहम के विसरण नियम को समझाइए एवं इसके अनुप्रयोग लिखिए । उत्तर - ग्राहम के विसरण - इस नियम के अनुसार - स्थिर ताप एवं दाब पर गैसों के विसरण की दर उनके घनत्व के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती होती है ,अर्थात  विसरण की दर  व्युत्क्रमानुपाती  1/√घनत्व माना दो गैसों के विसरण की दर r1 व r2 है । तथा उनके घनत्व d1 व d2 हो तो -                    r1  = K/√d1 -----(1) इसी प्रकार -                   r2  = K/ √d2------(2) तब समीकरण (1)  व (2) से -                  r1/r2  =  √d2/√d1 ग्राहम के विसरण नियम के अनुप्रयोग - 1. गैस का घनत्व तथा अणु भार ज्ञात करने में - यदि एक गैस के विसरण का समय तथा घनत्व ज्ञात हो तथा दूसरी गैस के विसरण का समय ज्ञात हो ,तो इसकी सहायता से दूसरी गैस का घनत्व तथा अणु भार ज्ञात किया जा सकता है । 2. मार्स गैस सूच...

Class 11th Chapter 5 PART 10 ll पृष्ठ तनाव ll श्यानता

Class 11th Chapter 5 PART 10 Chemistry by HK Sir प्रश्न - पृष्ठ तनाव किसे कहते हैं इसी प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए । उत्तर - पृष्ठ तनाव - द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ सदैव तनाव में रहता है और उसमें कम से कम क्षेत्रफल प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है। इसे पृष्ठ तनाव कहते हैं । यह द्रव का एक महत्वपूर्ण गुण है। इसकी इकाई न्यूटन प्रति मीटर या जूल प्रति वर्ग मीटर होती है। उदाहरण - 1. द्रव की बूंद का गोलाकार होना। 2. केस नली में द्रव का चढ़ना । पृष्ठ तनाव को प्रभावित करने वाले कारक - पृष्ठ तनाव को निम्न कारक प्रभावित करते हैं - 1. ताप - ताप में वृद्धि होने पर पृष्ठ तनाव कम हो जाता है क्योंकि ताप बढ़ाने से और वो की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है । 2.द्रव की प्रकृति - द्रव का पृष्ठ तनाव अणुओं के मध्य उपस्थित अंतरा आणविक बलों से संबंधित है । अतः जिन द्रवो में अंतर आणविक बल प्रबल होता है । उसका पृष्ठ तनाव अधिक होता है । प्रश्न - द्रव की बूंद गोलाकार होती है, क्यों ? उत्तर - पृष्ठ तनाव के कारण द्रव की बूंद गोलाकार होती हैं । क्योंकि किसी द्रव के पृष्ठ के अणु अपेक्षाकृत उच्च गतिज ऊर्जा वाले होते ह...